UP Halal Products: उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से “हलाल प्रमाणपत्र” जारी करने के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए एक आदेश जारी कर हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब धर्म विशेष के ग्राहकों को हलाल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ कथित रूप से खिलवाड़ करने को लेकर एक कंपनी और कुछ अन्य संगठनों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
UP Halal Products: हलाल प्रोडक्ट्स केस में एक्शन तेज
लखनऊ के ऐशबाग में मोतीझील कॉलोनी के निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा की शिकायत पर शुक्रवार को हजरतगंज थाने में ये मामला दर्ज किया गया था। (UP Halal Products) इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हजरतगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने वाले शैलेंद्र शर्मा का बयान दर्ज कर लिया है।
हजरतगंज पुलिस एफआईआर में नामजद संस्थाओं को नोटिस भेजने की तैयारी में है। हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा।
संस्थाओं से पूछा जाएगा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया क्या है, कितनी फीस ली जाती है, हलाल प्रमाण पत्र संस्था कब से जारी कर रही है और कौन-कौन सी कंपनियां उनसे प्रमाण पत्र लेती हैं।
बीते शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों से हलाल प्रमाण पत्र देने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।
बयान के अनुसार, यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र का अपराध), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता को बढ़ावा देने), 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने के इरादे से शब्द आदि कहना), 384 (फिरौती), 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली जैसा उपयोग करना) और 505 (लोगों को बेवकूफ बनाने वाले बयान) के तहत दर्ज किया गया था।
प्राथमिकी के हवाले से कहा गया कि ये कंपनियां और संगठन न केवल वित्तीय लाभ के लिए बल्कि सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाते हुए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर रहे हैं और हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।
इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ने आरोपों को “निराधार” बताया। उसने एक बयान में कहा कि वह “इस तरह की गलत सूचना का मुकाबला करने के लिए आवश्यक कानूनी उपाय करेगा।”
हलाल प्रमाणपत्र पर प्रतिबंध का खाद्य और पेय पदार्थ उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। हलाल प्रमाणपत्र वाले उत्पादों की मांग विशेष रूप से मुस्लिम आबादी के बीच अधिक है। प्रतिबंध से इन उत्पादों की उपलब्धता कम हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा, प्रतिबंध से सामाजिक तनाव बढ़ने की भी संभावना है। हलाल प्रमाणपत्र को कुछ लोगों द्वारा मुस्लिम आबादी की पहचान का प्रतीक माना जाता है। प्रतिबंध को एक धार्मिक रूप से प्रेरित कार्रवाई के रूप में देखा जा सकता है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार का हलाल प्रमाणपत्र पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम अवैध और भ्रामक हलाल प्रमाणपत्र जारी करने पर अंकुश लगाने में मदद कर सकता है। हालांकि, प्रतिबंध के संभावित प्रभावों पर भी विचार करने की आवश्यकता है।