Amit Shah on JKLF Ban: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख घोषणा होने से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने शुक्रवार को ‘जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट)’ को अगले पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी संगठन’ (Amit Shah on JKLF Ban) घोषित कर दिया है। हालांकि इस संगठन को सरकार ने पहले से ही प्रतिबंधित कर रखा है। उसके बाद भी मोहम्मद यासीन मलिक गुट जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लगा हुआ था, जिसके बाद सरकार ने अब संगठन को पांच साल के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है।
Amit Shah on JKLF Ban: अमित शाह ने एक्स पर दी जानकारी
केंद्र सरकार के इस फैसले लिए जानकारी शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दी। इस बात दी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी। मोहम्मद यासीन मलिक गुट को पांच से लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किए जाने पर शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट)’ को अगले पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ घोषित कर दिया है। प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लगा हुआ है। इसके साथ, उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर कोई राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देगा तो उसको कठोर कानूनी परिणाण भुगतने होंगे। गृह मंत्रालय (MHA) ने 2019 में आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मलिक के संगठन पर सरकार ने एक्शन लगा दिया था।
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ के रूप में नामित किया है। इसके अलावा सरकार ने इससे जुड़े चार अन्य संगठनों को भी गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। यह सभी संगठन ने आतंकवाद के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के अलगाव को बढ़ावा, सहायता और बढ़ावा देकर भारत की अखंडता को खतरे में डाला। शाह ने कहा कि मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को बख्शेगी नहीं। इससे पहले सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के तहत जमात-ए-इस्लामी (JEI-J&K) पर प्रतिबंध लगाया था।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति के तहत गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों पांच साल के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। इसमें जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और जेकेपीएल (अजीज शेख) ) याकूब शेख संगठन शामिल हैं। ये संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक भड़काने और अलगाववाद को बढ़ावा देने में शामिल थे। शाह ने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद को बेरहमी से कुचलने के लिए प्रतिबद्ध है।
कौन हैं यासीन मलिक?
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को 24 मई, 2022 को एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उसे कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। अदालत ने मलिक को आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121-ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और धारा 15 (आतंकवाद), 18 (आतंकवाद की साजिश) ) और यूएपीए के 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) के तहत 10 साल की सजा सुनाई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख के खिलाफ एक अपील दायर कर सजा को आजीवन कारावास से बढ़ाकर मृत्युदंड करने की मांग की थी, जो अपराध के लिए अधिकतम सजा है। बता दें कि भारत में आजीवन कारावास की सजा दो अपराधों के लिए दी गई हैं। इसमें आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाना) है।
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