Kunal Kamra: भारत में इन दिनों कॉमेडियन कॉमेडी कम और कंट्रोवर्सी ज्यादा क्रिएट कर रहे हैं. (Kunal Kamra) समय रैना के इंडियाज गाॅट लेटेंट का विवाद थमा ही था कि कॉमेडियन कुणाल कामरा ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर एक वीडियो जारी किया है. अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो जारी करते हुए उन्होंने एकनाथ शिंदे पर तंज कसा है.
जिसमें अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है. इसके चलते शिवसेना के कार्यकर्ताओँ ने कुणाल कामरा के दफ्तर में तोड़फोड़ भी कर दी है. (Kunal Kamra) तो वहीं उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है. क्या महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तंज कसने के मामले में कुणाल कामरा को हो सकती है जेल. जानें इसे लेकर क्या कहता है कानून.

Kunal Kamra: कुणाल कामरा ने एकनाथ शिंदे पर का कसा तंज
भारत संविधान के तहत चलने वाला देश और यहां सभी को अपनी बात खुलकर रखने की आजादी है. (Kunal Kamra) लेकिन आजादी का मतलब यह नहीं है कि आप किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाएं. भले ही आप व्यंगात्मक शैली में किसी के बारे में कुछ कहें या फिर आप तंज मारते हुए कुछ कहें. आप किसी की गरिमा और सम्मान को ठेस नहीं पहुंचा सकते. अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आया है.
कुणाल कामरा ने हाल ही में पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर काफी तल्ख तंज किया है. उन्होंने एक पैरोडी गीत में एकनाथ शिंदे को गद्दार कहा है. इसे लेकर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कुणाल कामरा के ऑफिस में तोड़ फोड़ की है. तो वहीं उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है.

क्या हो सकती है जेल?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. लेकिन अनुच्छेद 19(2) के तहत अगर किसी के बयान से किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है तो उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे से बाहर माना जाएगा. ऐसे में उन पर मानहानि और आपराधिक मानहानि का केस बन सकता है.
बीएनएस की धारा 356 के तहत आपराधिक मानहानि के केस में किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा का नुकसान पहुंचाने के लिए अपमानजनक बातें कहने पर 2 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है. बता दें इस तरह के केस में ज्यादातर जुर्माना किया जाता है. जेल भेजने के मामले कम ही देखने को मिले हैं.