अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध भले ही अभी टलता दिख रहा हो, लेकिन ईरान शांत बैठने के मूड में नहीं है. ईरान अपने कट्टर दुश्मन अमेरिका और इजराइल के खिलाफ परमाणु स्ट्राइक की तैयारी कर रहा है. इस खतरे को इजराइल और अमेरिका अब अच्छी तरीके से भांप चुके हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर दुनिया को ईरान के खिलाफ एक जुट होने के लिए कहा और पुतिन की मौजूदगी में ट्रंप को धन्यवाद भी कह डाला है.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का एकमात्र मकसद इजराइल को खत्म करना है, इसलिए उसकी बढ़ती परमाणु ताकत को रोकना होगा. अमेरिका पहले ही कह चुका है कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने नहीं देगा. वहीं जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देश अब ईरान के बढ़ती परमाणु ताकत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गए हैं. दुनिया भर के देशों को अपने खिलाफ एकजुट होते देख ईरान भी आक्रामक तेवर दिखा चुका है और इन सभी देशों को अमेरिका का नौकर तक बुला चुका है
.वहीं ईरान के हमले में घायल हुए अमेरिकी सैनिकों को लेकर पेंटागन ने अब एक नया कबूलनामा किया है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने माना है कि ईरान के हमले से उसके 34 सैनिकों को गहरा मानसिक आघात लगा है।
हमले के बाद 34 सैनिकों को हुए इस आघात के बाद उन्हें देश के बाहर ले जाया गया है. जर्मनी में इन सभी सैनिकों का इलाज हो रहा है.
अमेरिका का ये बयान तब आया है जब उसने पहले माना था कि किसी सैनिक को कोई नुकसान नहीं हुआ. बाद में 11 सैनिकों की बात कबूली थी और अब 34 सैनिकों का कबूलनामा अमेरिका ने किया है. अमेरिका अपने शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराने के बाद ईरान ने 8 जनवरी को इराक में उन सैनिकों अड्डों पर मिसाइल से हमला किया था, जहां अमेरिकी सैनिक रहते हैं।
बेंजामिन नेतन्याहू ने क्या कहा?
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘मैं बहुत ही चिंतित हूं कि अब तक हम सब दुनिया में यहूदियों के सबसे बड़े दुश्मन के खिलाफ एकजुट नहीं हो पाए हैं. एक ऐसा देश जो खुलेआम परमाणु हथियार बनाने की धमकी देता है और हमेशा यहूदियों को खत्म करने की बातें करता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘इजराइल, ट्रंप और उप राष्ट्रपति पेंस को तेहरान के अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए बधाई देता है. तेहरान पूरी दुनिया की शांति के लिए खतरा है. मैं सारी दुनिया की सरकारों से अपील करता हूं कि ईरान के खिलाफ एकजुट हो जाएं.’
अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की फिराक में ईरान
ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अपने कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए ईरान बगदाद स्थित अमेरिकी ठिकानों को लगातार निशाना बना रहा है. इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट हमला हुआ है. रविवार रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास पांच रॉकेट गिरने की खबर है. बताया जा रहा है कि बगदाद में टाइग्रिस इलाके के पश्चिमी बैंक की तरफ रविवार रात तेज धमाकों की आवाज सुनी गई, जहां अमेरिकी दूतावास और अधिकांश अन्य विदेशी राजनयिक मिशन स्थित हैं. बाद में इराक के सुरक्षा बलों ने एक बयान में कहा कि पांच रॉकेटों ने उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन पर हमला किया. हालांकि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है
इस रॉकेट हमले की किसी ने जिम्मेदारी तो नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि यह हमला ईरान ने किया है. सुलेमानी की हत्या के बाद से ईराक में अमेरिकी ठिकानों पर लगातार हमले हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इन सभी हमलों के पीछे ईरान का ही हाथ है. अमेरिका ने इसके लिए ईरान को बड़ा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी, लेकिन ईरान पर इस धमकी का कोई असर नहीं पड़ा है और वह लगातार अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना रहा है.
इस संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो टूक कहा कि ईरान पर प्रतिबंध जारी रहेगा। राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ईरान विदेश मंत्री ने कहा कि वह अमेरिका के साथ वार्ता के लिए इच्छुक है, बशर्ते अमेरिका ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटा ले. उनके इस बयान के बाद अमेरिका ने साफ कर दिया कि वो वार्ता के दबाव में किसी तरह से रियायत देने नहीं जा रहा है। ट्रंप ने शनिवार को TWEET करते हुए कहा, ‘NO THANKS’.
सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर ईरान ने साफ कर दिया है की देश के दुश्मनों से निपटने के लिए ईरान परमाणु ताकत की भी इस्तेमाल कर सकता है. ईरान (Iran) के परमाणु संगठन यानी एईओआई के प्रमुख अली अकबर सालेही के विशेष सहायक अली असगर जेरीन ने शनिवार को कहा, ‘अभी, अगर (देश का) संस्थान इसे आवश्यक समझता है तो परमाणु ऊर्जा संगठन, ईरान के यूरेनियम भंडार बढ़ाने की क्षमता रखता है’.
एक रिपोर्ट के मुताबिक जेरीन ने इस बात का जिक्र किया कि ईरान मौजूदा वक्त में हर दिन 10 किलोग्राम यूरेनियम का उत्पादन 5 प्रतिशत शुद्धता के स्तर पर कर रहा है. ईरान में उत्पादित लो-ग्रेड के यूरेनियम का भंडार 1,200 किलोग्राम से ज्यादा हो गया है और इसे तेजी से बढ़ाया जा रहा है. ईरान की इस चेतावनी से समझा जा सकता है की दुनिया पर अभी थर्ड वर्ल्ड वॉर की टिक- टिक थमी नहीं है.