रांची : झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में एक बार फिर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. डाक्टरों की लापरवाही के कारण करीब एक माह तक महिला दर्द से कराहती रही, जब जांच हुआ तो पता चला कि डॉक्टर ने पेट में ही तौलिया छोड़ दिया था. अस्पताल की ये फजीहत रिम्स के स्त्री रोग विभाग और सर्जरी विभाग की लापरवाही के कारण हुई है. दरअसल रिम्स के स्त्री रोग विभाग की डाक्टर मीना मेहता की यूनिट के डाक्टरों की लापरवाही से 28 वर्षीय महिला सीमा करीब एक महीने से पेट दर्द से कराहती रही. लेकिन, पीड़िता की शिकायत के बाद भी डॉक्टर इस मामले में गंभीर नहीं हुए, जिस कारण महिला निजी अस्पताल के पास गई जहां सिटी स्कैन के बाद पता चला कि महिला के पेट मे एक बड़ा तौलिया है जिसके बाद महिला का ऑपरेशन किया गया.
पीड़ित परिवार के अनुसार गर्भवती महिला के पेट में सर्जरी के दौरान तौलिया छोड़ दिया गया था. बाद में निजी अस्पताल में सिटी स्कैन के दौरान पता चला कि पेट में तौलिया है. बरियातू के ही एक निजी अस्पताल में आपरेशन कर तौलिया निकाला गया.ऑपरेशन के बाद महिला की हालत स्थिर बतायी जा रही है.जानकारी के अनुसार पांच जनवरी को रिम्स में मेन रोड रांची की रहनेवाली 28 वर्षीय महिला रिम्स के प्रसूति विभाग में एडमिट हुई थी. गर्भवती महिला का बच्चा उसके पेट में फंस गया था, जिसके बाद चिकित्सकों के कहने पर महिला का आपरेशन किया गया. इसके कुछ दिन बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गयी. लेकिन, महिला का स्टीच नहीं सुखा. उसके पेट के हिस्से में सर्जरी के लिए किए गए छिद्र से लगातार खून व पस बहता रहाइसके बाद पीडि़ता सीमा फिर डा. मीना मेहता के पास गयी और अपनी पीड़ा बतायी. इस पर डा. मीना ने उसे सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया, जिसके बाद उसे घाव सूखने के दवा दिया गया लेकिन, फायदा नहीं हुआ जिस कारण पीड़िता के परिजन महिला को लेकर निजी अस्पताल गए. निजी अस्पताल में जब महिला के पेट का स्कैन हुआ तो पता चल कि रिम्स में ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने तौलिया पेट में छोड़ दिया था