Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को एक पुराने केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से आंशिक राहत मिली है। दरअसल, 2008 में मुरादाबाद के छजलैट थाने के बाहर सड़क जाम करने के मामले में उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो-दो साल की सजा सुनाई थी। (Azam Khan) इस सजा के खिलाफ आजम खान ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से पूरा रिकॉर्ड तलब कर लिया है।
यह आदेश हाईकोर्ट की सिंगल बेंच, जस्टिस संजय कुमार सिंह ने दिया। (Azam Khan) अब अदालत उस रिकॉर्ड के आधार पर तय करेगी कि निचली अदालत का फैसला कितनी मजबूती से कानूनी कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं।

Azam Khan: आजम खान के वकील ने क्या कहा
आजम खान के वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि यह केस काफी पुराना है और इसमें राजनीतिक माहौल के चलते सजा दी गई है। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब अहम मोड़ पर पहुंच गई है। इसी बीच आजम खान को कुछ मामलों में राहत भी मिली है। (Azam Khan) उन्होंने जिन चार मामलों में जमानत की अर्जी लगाई थी, उनमें से तीन मामलों में कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत (रेगुलर बेल) दे दी है। ये केस हेट स्पीच और शत्रु संपत्ति से जुड़े हुए हैं। हालांकि, एक मामले में कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।
आजम खान का राजनीतिक सफर भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल 1989 में वो पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। इसके बाद 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के गठन में मुलायम सिंह यादव का साथ दिया। 1993 में सपा के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे और फिर लगातार नौ बार विधायक बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी जयाप्रदा को हराकर सांसद का पद भी हासिल किया था।