Himachal Political Crisis : बीते मंगलवार को आए राज्यसभा चुनाव के नतीजे ने उत्तर भारत के एकमात्र कांग्रेस शासित राज्य में सियासी भूचाल ला दिया है। राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बीजेपी ने हरा दिया। बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी, जिससे निर्दलीय की मदद से न केवल भाजपा का उम्मीदवार जीत गया बल्कि अब सरकार भी खतरे में आ गई है। कांग्रेस जहां सरकार बचाने में जुट गई है, वहीं बीजेपी ने ऑपरेशन लोट्स पर काम शुरू कर दिया है।
उत्तर भारत में अपनी एकमात्र सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बादल से कांग्रेस आलाकमान परेशान है। पार्टी के संकटमोचक माने जाने वाले कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को एकबार फिर कांग्रेस को संकट से निकलाने का जिम्मा सौंपा गया है। उनके साथ पड़ोसी हरियाणा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी हैं।
Himachal Political Crisis : आज शाम विधायक दल की बैठक
आलाकमान ने इन तीनों वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर शिमला भेजा है। उनके साथ हिमाचल प्रदेश के प्रभारी पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव शुक्ला भी मौजूद हैं। तीनों नेताओं के कंधे पर क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह समेत उन अन्य नाराज विधायकों को वापस पाले में लाने की जिम्मेदारी होगी, जो वर्तमान में नाराज चल रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी जानी लगभग तय है क्योंकि उनको लेकर विधायकों में भारी असंतोष है।

वहीं, हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे अभियान को लीड करने वालीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पल-पल की अपडेट ले रही हैं। जानकारी के मुताबिक, आज शाम को कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग होगी, जिसमें नए नेता का चुनाव किया जा सकता है।
Himachal Political Crisis : बीजेपी के 15 विधायक सस्पेंड
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। आज सदन के शुरू होते ही विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने मत विभाजन की मांग को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। जिसके बाद स्पीकर ने 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी शामिल हैं। इन विधायकों मार्शल की मदद से जबरन सदन से बाहर ले जाया गया, इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की होन के कारण कुछ विधायकों की तबियत बिगड़ने की खबर है।
निष्कासित किए गए बीजेपी विधायकों में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, बलबीर वर्मा, विपिन सिंह परमार, दीप राज, पूरन ठाकुर, दिलीप ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, सुरेंद्र शोरी, त्रिलोक जम्वाल, लोकेंद्र कुमार, हंसराज, जनकराज, रणधीर शर्मा, विपिन सिंह परमार, और विनोद कुमार शामिल हैं।
Himachal Political Crisis : राज्यपाल से मिला बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल
दरअसल, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के अंदरूनी कलह का पूरा फायदा उठाने की कोशिश में है। भाजपा का कहना है कि राज्यसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि सरकार अपने विधायकों का विश्वास खो चुकी है। इसलिए बजट पेश करने से पहले विधानसभा में मत विभाजन कराया जाए। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने पहुंचा और अपनी मांग उनके सामने रखी।

Himachal Political Crisis : सत्ता में रहने का अब नैतिक अधिकार नहीं
वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि हम बजट पेश होने से पहले डिविजन वोटिंग चाहते हैं, मगर स्पीकर इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं। हम वोटिंग की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने बहुमत खो दिया है। उन्होंने कहा कि जो घटनाक्रम हुआ है, उससे साबित होता है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार अपना जनादेश खो चुकी है। अब उन्हें सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
Himachal Political Crisis : कौन – कौन हैं कांग्रेस के बागी विधायक
कांग्रेस के जिन बागी विधायकों ने सरकार को खतरे में डाला है, वो हैं – धर्मशाला के एमएलए सुधीर शर्मा, सुजानपुर के विधायक राजिंदर राणा, बड़सर के विधायक इंद्र दत लखनपाल, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा। बताया जाता है कि इन बागियों को लीड कर रहे सुजानपुर के विधायक राजिंदर राणा, जो किसी जमाने में बीजेपी में थे और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के चेले माने जाते थे।

लेकिन बाद में दोनों के रिश्तों में खटास आने के बाद राणा कांग्रेस में चले गए और उन्हें पूर्ववर्ती वीरभद्र सिंह की सरकार में ओहदा भी मिला। राजिंदर राणा ने बड़ा उलटफेर करते हुए साल 2017 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीएम कैंडिडेट प्रेम कुमार धूमल को हरा दिया था। 2022 में भी वह इसी सीट से निर्वाचित हुए हैं। बगावत करने वाली सभी छह विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
Himachal Political Crisis : हिमाचल में बनेगी भाजपा सरकार
बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा चुनाव जीतने वाले हर्ष महाजन ने दावा किया है कि हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बननी तय है। जनता जान चुकी है कि कांग्रेस अपना बहुमत खो चुकी है, अब यहां भाजपा की सरकार बनेगी, कैसे बनती है यह आने वाले समय में पता चलेगा। स्थिति घंटों में बदल जाएगी, आज नहीं तो कल यहां भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा वर्तमान सीएम सुक्खू पर लगाए गए आरोपों का भी समर्थन किया है।

Himachal Political Crisis : कैसे हो गया मंगलवार को खेला ?
मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए मतदान हुआ। मैदान में कांग्रेस की तरफ से दिग्गज वकील और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवीं और बीजेपी की ओर से पुराने कांग्रेसी हर्ष महाजन थे। महाजन दिवंगत पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के दोस्त रहे थे। संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस को आसान जीत मिलना चाहिए था। लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीयों की मदद से हारी हुई बाजी को पलट दिया। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के प्रत्याशी को 34-34 वोट मिले, इसके बाद टॉस कराया गया, जिसमें बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन विजयी हुए। कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवीं ने अपनी हार स्वीकार कर ली।

Himachal Political Crisis : विधानसभा में क्या है सीटों का गणित
हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 और बीजेपी के 25 विधायक हैं। इसके अलावा तीन निर्दलीय हैं। कांग्रेस सरकार को तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 35 है। बीजेपी कांग्रेस के अंसतुष्टों और निर्दलीयों की मदद से बहुमत के करीब पहुंचती नजर आ रही है।
बता दें कि साल 2022 के आखिरी में गुजरात के साथ हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव हुए थे। कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त देकर यहां सरकार बनाई थी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ गंवाने के बाद उत्तर भारत में अब हिमाचल ही एकमात्र राज्य कांग्रेस के पास रह गया है।