Iran America China: दुनिया एक बार फिर युद्ध की आहट महसूस कर रही है। कई देशों में जंग छिड़ चुकी है और जहां नहीं छिड़ी, वहां हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं। इसी मोड़ पर खड़ा है ईरान, जो एक ओर अमेरिका और दूसरी ओर इज़रायल की संभावित कार्रवाई से घिरा हुआ है। तनावपूर्ण माहौल के बीच ईरान ने अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है और इसके लिए उसने चीन से एक अहम रक्षा डील की है।

Iran America China: चीन से मिसाइल ईंधन की बड़ी डील
रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने चीन से बड़ी मात्रा में मिसाइल ईंधन खरीदने का करार किया है। (Iran America China) इस सौदे के तहत चीन ने ईरान को हजारों टन अमोनियम परक्लोरेट (Ammonium Perchlorate) मुहैया कराया है, जिसका इस्तेमाल बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में होता है। अनुमान है कि ईरान इस ईंधन से 800 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार करने की योजना बना रहा है।
इसके अलावा, ईरान अक्टूबर 2023 में इज़रायल के हमले में नष्ट हुए 12 प्लैनेटरी मिक्सर (मिसाइल ईंधन मिक्सिंग मशीन) की मरम्मत में भी जुटा है। (Iran America China) पहले भी इस साल फरवरी और मार्च के बीच छोटी दूरी की 260 मिसाइलों के लिए आवश्यक ईंधन तेहरान पहुंच चुका है।
अमेरिका की आपत्ति और पुरानी कार्रवाई
ईरान के बढ़ते परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर अमेरिका लंबे समय से चिंता जताता आ रहा है। वर्ष 2022 में अमेरिका ने ओमान की खाड़ी से ईरान को जा रही 70 टन परमाणु ईंधन की खेप जब्त की थी। वॉशिंगटन का स्पष्ट रुख है कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की इजाजत नहीं देगा।
अमेरिका का नया प्रस्ताव, लेकिन असमंजस कायम
हाल ही में अमेरिका ने ईरान को एक संशोधित प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत उसे सीमित यूरेनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) की अनुमति दी जा सकती है लेकिन केवल शांतिपूर्ण नागरिक उपयोग, जैसे परमाणु ऊर्जा उत्पादन, के लिए। प्रस्ताव में यह शर्त रखी गई है कि ईरान को अपनी भूमिगत परमाणु सुविधाएं बंद करनी होंगी और उसे IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की सख्त निगरानी भी स्वीकारनी होगी। (Iran America China) यह योजना एक क्षेत्रीय कंसोर्टियम के गठन की बात करती है, जिसमें सऊदी अरब और अन्य अरब देश भी शामिल होंगे। हालांकि संवर्धन की प्रक्रिया ईरान की भूमि पर नहीं, बल्कि किसी अन्य साझेदार देश में की जाएगी।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने अमेरिका के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जब तक उस पर लगे सभी प्रतिबंध नहीं हटाए जाते, वह किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है। हालांकि अमेरिकी पक्ष ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किन प्रतिबंधों को हटाया जाएगा। (Iran America China) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि वह ईरान को किसी भी स्तर पर यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देना चाहते, लेकिन उनके प्रशासन के नए प्रस्ताव में कम स्तर पर संवर्धन की गुंजाइश छोड़ी गई है।
ईरान, अमेरिका और इज़रायल के त्रिकोण में बनी यह स्थिति धीरे-धीरे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय संकट की ओर बढ़ती दिख रही है। चीन के साथ ईरान की मिसाइल डील, अमेरिका की चेतावनियां और इज़रायल का कड़ा रुख मिलकर एक ऐसी स्थिति को जन्म दे रहे हैं, जहां कभी भी एक नई जंग की चिंगारी भड़क सकती है।