Lakhimpur Kheri : लखीमपुर खीरी में विधायक योगेश वर्मा से हुई पिटाई मामले में अब जाकर एफआईआर दर्ज हो गई है। सत्तारूढ़ दल का विधायक का होने के बाद भी योगेश वर्मा को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में हफ्तेभर का समय लग गया। इसके लिए बीजेपी विधायक को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करनी पड़ी और तब जाकर जिला बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की निवर्तमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
हालांकि, एफआईआर होने में देरी होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे है। सवाल अब ये उठ रहा है कि योगीराज में जब एक सत्ताधारी दल के विधायक की FIR दर्ज होने में एक हफ्ता का समय लग गया तो आम जनता को क्या-क्या परेशानियां होती होंगी।
दरअसल लखीमपुर खीरी में बीजेपी विधायक योगेश वर्मा के साथ हुई मारपीट से सूबे की राजनीति गरमा गई थी। समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया था। उधर, मामला बीजेपी विधायक से जुड़ा होने के बाद भी पिटाई करने वालों के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज हो रही थी।
जबकि बीजेपी विधायक ने घटना के बाद ही पुलिस को तहरीर दे दी थी, लेकिन पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया। इसको लेकर पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हुए थे। वहीं, खीरी से सपा सांसद उत्कर्ष वर्मा ने भी बीजेपी विधायक की FIR ना दर्ज होने पर सवाल खड़े किए थे।

Lakhimpur Kheri : CM योगी से मिले विधायक ने लगाई न्याय की गुहार
सपा सांसद ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में विधायक सुरक्षित नहीं है तो आम लोग अपने को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे। उत्कर्ष वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर विधायक अपने साथ हुई घटना की रिपोर्ट नहीं लिखा पा रहे हैं तो यह सोचने का विषय है। अगर विधायक की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी तो आम जनता की फिर कहां सुनवाई होगी। वहीं, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने के चलते पीड़ित बीजेपी विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ ही सीएम योगी से भी मुलाकात की थी। सोमवार को सीएम योगी को घटना की पूरी जानकारी देते हुए पीड़ित योगेश वर्मा ने न्याय की गुहार लगाई थी।

Lakhimpur Kheri : सारे आरोपी भी बीजेपी से जुड़े हैं
बीजेपी विधायक से थप्पड़ कांड मामले में कार्रवाई में हुई देरी के पीछे एक कारण आरोपियों का बीजेपी से जुड़ा होना बताया जा रहा है। अवधेश सिंह, पुष्पा सिंह समेत 4 लोग मौजूदा समय में पार्टी से जुड़े थे और किसी ना किसी पद पर कार्यरत थे या रह पद पर रह चुके थे। यही वजह है कि इस मामले में कार्रवाई होने में देरी हो गई है।
हालांकि घटना के बाद पार्टी ने बीजेपी नेता अवधेश सिंह समेत सभी को कारण बताओ नोटिस भेजा था। यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस घटना की जानकारी दिल्ली बीजेपी नेतृत्व को दी थी। इसके बाद पार्टी ने अवधेश सिंह, पुष्पा सिंह, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। साथ ही एक हफ्ते बाद इन सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है।
Lakhimpur Kheri : विधायक की FIR दर्ज ना होना दुर्भाग्यपूर्ण

इस मामले में अगर विधायक की एफआईआर इतने दिन बाद दर्ज हुई है तो ये बहुत अच्छे संकेत नहीं है। अगर कोई शिकायत लेकर थाने जाता है तो उसकी तुरंत शिकायत दर्ज होनी चाहिए। नई सरकार आने पर ऐसा कहा भी जाता है कि केस तुरंत दर्ज हुआ चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। ये ना ही पुलिसिंग के लिए अच्छा है और ना ही प्रदेश की जनता के लिए।
वैसे ये कोई नया मामला नहीं है, रोज कोई ना कोई FIR ना लिखे जाने को लेकर मामला आ ही जाता है। उन्होंने कहा कि थाने की पुलिस चाहती नहीं कि उनके थाने का क्राइम ग्राफ बढ़े, इसलिए रिपोर्ट दर्ज करने में हीलाहवाली करते हैं। लेकिन लखीमपुर खीरी घटना में एफआईआर देरी होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

Lakhimpur Kheri : 9 अक्टूबर को हुई थी बीजेपी विधायक की पिटाई
बता दें, बीते 9 अक्टूबर को जिला अर्बन को ऑपरेटिव बैंक के डेलीगेट्स के नामांकन के दौरान अवधेश सिंह ने बीजेपी विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद अवधेश सिंह के साथियों ने बीजेपी विधायक को घसीट कर बुरी तरह से मारा था। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह की पत्नी इस चुनाव में अध्यक्ष पद की दावेदार थी।
इस घटना के बाद चुनाव को कैंसिल कर दिया गया था। तमाम कोशिशों के बाद 15 अक्टूबर की रात करीब 10 बजकर 34 मिनट पर इस मामले में सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। अवधेश सिंह समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 189(2), 115(2), 351(2), 352, 131 और 304(1) के तहत केस दर्ज किया गया है।