उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित मणिकर्णिका घाट, जहां हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, पर 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। यह आदेश घाट के प्रबंधकों ने दिया है।
इस आदेश के पीछे का कारण यह है कि मणिकर्णिका घाट पर शवों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। बताया जा रहा है कि यह वृद्धि आसपास के जिलों में हुई बाढ़ के कारण हुई है। बाढ़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई है, जिनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जा रहा है।
घाट के प्रबंधकों का कहना है कि शवों की बढ़ती संख्या के कारण घाट पर जगह की कमी हो गई है। इसके अलावा, शवों के अंतिम संस्कार के लिए उपयोग की जाने वाली लकड़ी की भी कमी हो गई है।
इस आदेश के बाद, मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार के लिए शवों को 72 घंटे के लिए रखने की अनुमति होगी। इसके बाद, शवों को आसपास के अन्य घाटों पर ले जाया जाएगा।
इस आदेश से मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है। कई लोगों को अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
क्या है मणिकर्णिका घाट?
मणिकर्णिका घाट वाराणसी का एक पवित्र घाट है। हिंदू धर्म में, इस घाट को अंतिम संस्कार का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति का यहां अंतिम संस्कार किया जाता है, तो उसे तुरंत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मणिकर्णिका घाट पर हर साल लाखों लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है। यहां पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी का उपयोग किया जाता है। लकड़ी को घाट पर ही लाया जाता है और फिर शवों को जलाया जाता है।
आखिर क्यों मिला ऐसा अल्टीमेटम?
मणिकर्णिका घाट पर शवों की संख्या में अचानक वृद्धि होने के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण आसपास के जिलों में हुई बाढ़ है। बाढ़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई है, जिनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जा रहा है।
बाढ़ के अलावा, अन्य कारणों से भी मणिकर्णिका घाट पर शवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इनमें से एक कारण यह है कि कई लोग हिंदू धर्म के अनुसार अपने परिजनों का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर करवाना चाहते हैं।
शवों की बढ़ती संख्या के कारण घाट पर जगह की कमी हो गई है। इसके अलावा, शवों के अंतिम संस्कार के लिए उपयोग की जाने वाली लकड़ी की भी कमी हो गई है।
इन सभी कारणों से, मणिकर्णिका घाट के प्रबंधकों ने 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार नहीं करने का आदेश दिया है।