PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल में तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी इंटीग्रेशन सुविधा (पीआईएफ); महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा’; और वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ शामिल है। इन परियोजनाओं को लगभग 1,800 करोड़ की लागत पर विकसित किया गया है।
पीएम मोदी ने नए इंफ्रास्ट्रक्चर का किया उद्घाटन
इस मौके पर पीएम मोदी ने वादा किया कि 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा जो “अंतरिक्ष के अज्ञात विस्तार” का अध्ययन करेगा। उन्होंने कहा कि अमृत काल की इस अवधि में, भारतीय अंतरिक्ष यात्री हमारे ही रॉकेट से चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, हमने 400 उपग्रह लॉन्च किए हैं, हालांकि, इन 10 वर्षों से पहले केवल 33 उपग्रह लॉन्च किए गए थे। अब भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, राज्य मंत्री मुरलीधरन के साथ केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का भी दौरा किया।
PM Modi : गगनयान प्रोजेक्ट की समीक्षा

पीएम मोदी ने गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा की और उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये चार अंतरिक्ष यात्री हैं प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला।

गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है जिसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है। पीएम मोदी ने कहा – यह जानकर बहुत खुशी हुई कि गगनयान में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश उपकरण भारत में निर्मित हैं। ये कितना बड़ा संयोग है कि जब भारत दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्था बनने के लिए उड़ान भर रहा है, उसी समय भारत का गगनयान हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र को भी नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है।