
Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने तीन अन्य साथियों के साथ एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के लिए रवाना हो गये हैं। एक्सिओम-4 मिशन ने लॉन्चिंग के बाद लगभग 30 हजार किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अंतरिक्ष की तरफ उड़ान भरा। बताया जा रहा है कि 28 घंटे की यात्रा के बाद एक्सिओम-4 मिशन भारतीय समयानुसार बृहस्पतिवार शाम को लगभग साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पहुंचेगा। (Shubhanshu Shukla) यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष जाने पर पूरा देश गौरवान्वित हो रहा है। वहीं शुभांशु शुक्ला के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी है। शुभांशु ने भी अंतरिक्ष यात्रा पर निकलने से पहले परिवार और पत्नी के लिए खास मैसेज लिखा है। उन्होंने सभी को धन्यवाद भी कहा है।
इंस्टाग्राम पर शुभांशु ने दो तस्वीरें शेयर की। तस्वीरों के साथ पोस्ट में उन्होंने लिखा कि जैसा की 25 की सुबह जल्दी इस ग्रह को छोड़ने की योजना बनाई गयी है। इसलिए मैं इस मिशन में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद करता हूं। इसके साथ ही घर के लोगों को प्यार और आशीर्वाद के लिए भी धन्यवाद। (Shubhanshu Shuklaपत्नी के लिए उन्होंने लिखा कि कामना को बेहतरीन साथी होने के लिए स्पेशल थैंक्यू। कोई भी शख्स अकेले अंतरिक्ष की यात्रा नहीं करता। हम कई लोगों के कंधों पर बैठकर ऐसा कर पाते हैं। इसलिए मैं सभी का आभारी हूँ और सभी को धन्यवाद देता हूं।
Shubhanshu Shukla: परिवार में खुशी की लहर
अंतरिक्ष रवाना होने के बाद शुभांशु शुक्ला के परिवार में खुशी की लहर। (Shubhanshu Shukla) उनके माता-पिता के आंसू ही नहीं थम रहे हैं। बेटे की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि हमें उस पर नाज है। बेटे की वजह से आज हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। बेहद भावुक स्वर में शुभांशु के पिता ने कहा कि मैं अपने बेटे को बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज मेरा बेटा अंतरिक्ष मिशन पर गया है। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह इस मिशन को पूरा करे और मुझे यह पूरा भरोसा है कि मेरा बेटा इसे पूरा भी करेगा।
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वहीं, शुभांशु शुक्ला की मां ने कहा कि मैं आज बेहद खुश हूं और अपनी इस खुशी को शब्दों में कह नहीं सकती। हम सभी को इस खास पल का बेसब्री से इंतजार था। इसके साथ ही शुभांशु शुक्ला की बहन शुचि मिश्रा ने भी भाई की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम भगवान से बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि वह जिस मिशन पर गये हैं। उसमें उन्हें सफलता मिले। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है।