Smriti Irani : पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को इस बार के लोकसभा चुनाव में अमेठी से हार का सामना करना पड़ा था। इरानी में 2019 अमेठी से लोकसभा सांसद चुनी गई थीं, लेकिन 2024 में अमेठी की जनता ने नकार दिया, जिस वजह से स्मृति इरानी को हार का सामना करना पड़ा। मोदी सरकार के तीसरे कार्यालय में स्मृति ईरानी को कोई मंत्री पद भी नहीं मिला। इस वजह से स्मृति को मंत्री रहते हुए दिल्ली में जो सरकारी आवास मिला था, उसको खाली करना पड़ा है। बंगले के बाहर से उनकी नाम की नेम प्लेट हटा दी गई। बंगला खाली होने के बाद अब सवाल ये उठ रहे हैं कि पूर्व मंत्री अमेठी को क्या अपना आधिकारिक आवास बनाएगीं, क्योंकि उन्होंने वह पर एक घर भी बनाया है। इसके अलावा मुंबई में भी उनका घर है।
Smriti Irani : 10 सालों से था 28 तुगलक क्रीसेंट पता
केंद्रीय मंत्री रहते हुए स्मृति ईरानी का बीते दस साल से आधिकारिक पता दिल्ली स्थित 28 तुगलक क्रीसेंट बंगला रहा। गुरुवार से पूर्व केंद्रीय का यह पता नहीं रहा है, क्योंकि स्मृति ईरानी सरकारी आवास को खाली कर दिया है। बंगले के आगे से उनके नाम की नेम प्लेट भी हटा दी गई है। साल 2014 लेकर साल 2024, 11 जुलाई तक स्मृति इस बंगले में रहीं। 2014 में पहली बार केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार आई तो स्मृति ईरानी को केंद्रीय बनाया गया था। हालांकि 2014 में वह लोकसभा चुनाव हार गई थीं। फिर 2019 में मोदी सरकार दोबारा आई तो उन्हें फिर केंद्रीय मंत्री का भार सौंपा गया। यह चुनाव उनके लिए बेहद खास था, क्योंकि भाजपा ने कई सालों बाद अमेठी में कांग्रेस का किला गिराया था। स्मृति ईरानी राहुल गांधी को हारकर सांसद बनी थीं। हालांकि वह लागातार जीत बरकरार नहीं रख पाईं और 2024 में उन्हें अमेठी में हार का सामना करना पड़ा।
Smriti Irani : बंगला खाली करने का नियम
स्मृति को 11 जुलाई तक बंगला खाली करने का समय मिला था। मिले समय के अनुसार उन्होंने बंगला भी खाली कर दिया। स्मृति के अलावा कई और मंत्रियों और सांसदों ने भी अपना बंगला खाली किया है, जो चुनाव में हारे हैं। 5 जून को ही राष्ट्रपति ने पुरानी लोकसभा भंग कर दी थी। इसके बाद नई लोकसभा का गठन हुआ। नियमों के मुताबिक, चुनाव में हारे हुए सांसदों को सरकारी बंगला खाली करने के साथ ही मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ता है। खाली बंगलों को नए सांसदों और मंत्रियों को आवंटित किया जाता है।
Smriti Irani : पहले हार, फिर जीत, फिर हार
स्मृति ईरानी के लिए अमेठी संसदीय क्षेत्र उतार चढ़ाव वाला रहा है। वह यहां से तीन बार लोकसभा चुनाव में लड़ीं। इसमें दो बार हार तो एक बार जीत मिली। 2014 में जब वह पहली बार यहां से चुनाव लड़ी तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर दूसरी बार 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ीं तो उन्हें जीत मिली। तीसरी बार जब इरानी साल 2024 में अमेठी के मैदान में उतरीं तो उन्हें सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार केएल शर्मा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। यूं कहें कि स्मृति ईरानी के लिए अमेठी पहले हार, फिर जीत और फिर हार वाला रहा है।