Chandauli: चंदौली शहाबगंज। शहाबगंज विकासखंड एक बार फिर मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। मंगरौर ग्राम पंचायत में मनरेगा, प्रधान निधि, ब्लॉक प्रमुख निधि एवं जिला पंचायत निधि से संचालित कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता के आरोप लगाए जा रहे हैं। ग्रामीणों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का आरोप है कि धरातल पर काम कराने के बजाय कमीशन लेकर कागजों में ही कार्य दिखाया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि शहाबगंज के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) दिनेश सिंह द्वारा मौके पर जाकर कार्यों की निगरानी नहीं की जा रही है। (Chandauli) आरोप है कि 245 मजदूरों की फर्जी हाजिरी दर्शाकर मनरेगा की धनराशि का बंदरबांट किया जा रहा है, जबकि वास्तविकता में मजदूरों का काम से कोई लेना-देना नहीं है।

Chandauli: पुरानी फोटो और फर्जी मस्टर रोल से भुगतान का आरोप
ग्रामीणों के अनुसार, मनरेगा कार्यों में पुरानी तस्वीरें लगाकर फर्जी मास्टर रोल भरे जा रहे हैं। (Chandauli) नाम किसी मजदूर का दर्ज है, जबकि काम कोई और कर रहा है या फिर कार्य स्थल पर कोई मौजूद ही नहीं रहता। मजदूर केवल कागजों पर दिखाए जा रहे हैं और सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
विवादित कार्य का विवरण इस प्रकार है—
कार्य कोड: 3171008035/एलडी/958486255824992321
एमएसआर नंबर: 13474
कार्य का नाम: ग्राम पंचायत मंगरौर में सूबेदार के खेत से हदीश के खेत तक मेड़बंदी का कार्य।
ग्रामीणों का दावा है कि इस कार्य में मजदूरों की वास्तविक उपस्थिति शून्य है, लेकिन कागजों में पूरी मजदूरी भुगतान की तैयारी है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य का बयान
एक क्षेत्र पंचायत सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक कमीशन दिया जाता है, तभी यह फर्जीवाड़ा चलता है। इसी वजह से अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं और मनरेगा को लूट का जरिया बना दिया गया है।”

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ग्रामीणों का आक्रोश
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते जांच नहीं हुई तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे। एक ग्रामीण ने कहा, “हमारे गांव में काम दिखाया जाता है, लेकिन जमीन पर कुछ नजर नहीं आता। मजदूरों के नाम पर पैसा निकाल लिया जाता है।”
प्रशासन का पक्ष
जब इस संबंध में डीसी मनरेगा से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मामले की जानकारी ली जा रही है। (Chandauli) बीडीओ शहाबगंज से बात कर जांच करवाई जाएगी। यदि कार्य फर्जी पाया गया तो संबंधित मस्टर रोल जीरो कर कार्रवाई की जाएगी।” अब बड़ा सवाल यह है कि क्या केवल आश्वासन तक मामला सीमित रहेगा या वास्तव में शहाबगंज ब्लॉक में मनरेगा के नाम पर चल रहे कथित भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होगी। ग्रामीणों की निगाहें अब जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों की कार्रवाई पर टिकी हैं।













