China News: चीन में कहर बरपा रही रहस्यमय बीमारी पर मध्य प्रदेश सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने सभी मेडिकल कॉलेजों, शासकीय व निजी चिकित्सालयों को एडवाइजरी जारी कर सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों पर निगरानी और कोरोना पर नजर रखने के लिए आरटीपीसीआर कराने के लिए कहा है।
डॉ. तिवारी ने कहा कि चीन में फैली रहस्यमय बीमारी का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह श्वसन संबंधी बीमारी है। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और थकान शामिल हैं। राज्य सरकार ने इस बीमारी के फैलने को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।
China News: इनमें शामिल हैं:
प्रयोगशाला नेटवर्क जीनोमिक निगरानी रणनीति का पालन करेगा।
विदेश से आने वाले यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच तय रेशियो के आधार पर की जाएगी।
सीवेज व वेस्ट वाटर सर्विलांस के लिए मौजूदा प्रणालियों को एकीकृत किया जाएगा।
डॉ. तिवारी ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों, शासकीय व निजी चिकित्सालयों को आरटीपीसीआर जांच शुरू कर देनी चाहिए। साथ ही, उन्हें कोरोना व सांस से संबंधित बीमारियों से जुड़े रोजाना के डाटा भी साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना व सांस से संबंधित बीमारियों के लिए लैब टेस्टिंग का डाटा आइसीएमआर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। प्रयोगशाला आधारित निगरानी किसी बीमारी के फैलने से पहले उसका पता लगाने पर केंद्रित है।
इसके अलावा, जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम असामान्य घटनाओं का आकलन करेंगी। यदि आवश्यक हो तो आउटब्रेक की जांच भी की जाएगी। डॉ. तिवारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग अति आवश्यक है। विदेश से आने वाले वायरस और उसके वेरियेंट के प्रवेश का पता लगाने के लिए निम्नलिखित प्रोटोकॉल का पालन किया जाए:
प्रदेश में आने वाली प्रत्येक उडान में से 2 फीसदी यात्रियों का आरटीपीसीआर से रेंडम स्क्रीनिंग की जाए।
जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण हों, उनकी आरटीपीसीआर जांच सुनिश्चित की जाए।
डॉ. तिवारी ने कहा कि लोगों को भी इस बीमारी के प्रति सतर्क रहना चाहिए। अगर उन्हें कोरोना या सांस से संबंधित किसी भी तरह के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।