Delhi Liquor Policy Case : दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने आज यानी शनिवार 2 दिसंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। जानकारी के मुताबिक, चार्जशीट 60 पन्नों की है। एजेंसी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें अरेस्ट किया था, जिसके बाद से वह जेल में हैं।
दरअसल, 24 नवंबर को जब आप नेता की कस्टडी समाप्त हो रही थी, तब ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था। अदालत ने एजेंसी की मांग पर संजय सिंह की हिरासत को 4 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को लेकर अब तक चार्जशीट न दायर होने के संबंध में ईडी से सवाल भी किया था। इस पर ईडी के वकील ने एक या दो दिसंबर तक चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी।
Delhi Liquor Policy Case : 6 दिसंबर को जमानत याचिका पर होगी सुनवाई
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 24 नवंबर को ही विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी। 28 नवंबर को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था और छह दिसंबर को जवाब के साथ प्रस्तुत होने का आदेश दिया था। दरअसल, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों सिंह की जमानत याचिका को खारिज कर चुके हैं। शीर्ष अदालत ने नियमित बेल के लिए आप नेता को लोअर कोर्ट में जाने की सलाह दी थी।
Delhi Liquor Policy Case : संजय सिंह पर क्या है आरोप ?
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि संजय सिंह ने अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति के बनाने और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे कुछ शराब विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को लाभ हुआ। इसी साल जनवरी में ईडी ने अपनी चार्जशीट में सिंह का नाम जोड़ा था। चार्जशीट में उनपर 82 लाख रूपये चंदा लेने का आरोप लगाया था। 4 अक्टूबर को दिनभर छापेमारी चलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था, तब से जेल में हैं। शराब नीति घोटाला में आम आदमी पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं।
Delhi Liquor Policy Case. : चार्जशीट में संजय सिंह पर लगाए गए आरोपों में से कुछ प्रमुख हैं:
संजय सिंह ने अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नीति से कुछ शराब विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को लाभ हुआ।
संजय सिंह ने इन लाभार्थियों से 82 लाख रूपये चंदा लिया।
संजय सिंह ने इस चंदा को अपने राजनीतिक दल के लिए इस्तेमाल किया।
चार्जशीट में ईडी ने इन आरोपों के समर्थन में कई दस्तावेज और गवाहों के बयानों का हवाला दिया है।
संजय सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के तहत फंसाया जा रहा है।
चार्जशीट के दायर होने के बाद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनकी जमानत याचिका पर भी अब कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण होगा।