Flood in Sikkim: उत्तरी सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। लाचुंग और चुंगथांग में फंसे 1,678 पर्यटकों को सुरक्षापूर्वक निकाल लिया गया है, जबकि लाचुंग में अब भी 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन द्वारा रेस्क्यू अभियान जारी है।

इस आपदा में सबसे गंभीर घटना मंगन जिले के छातेन में सामने आई, जहां एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन की चपेट में आने से तीन जवानों की मौत हो गई और छह अन्य अब भी लापता हैं। मृतकों में लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा शामिल हैं। (Flood in Sikkim) सेना ने लापता जवानों की तलाश के लिए राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक अक्षय सचदेवा ने जानकारी दी कि कुछ पर्यटकों को गंगटोक पहुंचा दिया गया है, जबकि लाचेन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिशें जारी हैं। मंगन जिले में भूस्खलन से कई सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है।

Flood in Sikkim: खतरे पर तीस्ता नदी का जलस्तर
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने सड़कें बहाल करने का काम शुरू कर दिया है। (Flood in Sikkim) इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि एक राहत काफिले के ज़रिए 7 पुरुषों, 561 महिलाओं और 380 बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को सुरक्षित रूप से फंदाग लाया गया। पूर्वोत्तर भारत में बीते चार दिनों से भारी बारिश हो रही है। उत्तरी सिक्किम के कुछ इलाकों में 130 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिससे लाचुंग, गुरुडोंगमार और लाचेन जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल प्रभावित हुए हैं। तीस्ता नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई क्षेत्रों में जमीन में दरारें आ गई हैं। लाचेन क्षेत्र में दो पुल पूरी तरह बह गए हैं, जिससे लाचेन और लाचुंग की ओर जाने वाले रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। भारतीय सेना, NDRF और स्थानीय पुलिस राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, हालांकि खराब मौसम और दुर्गम भू-भाग के कारण अभियान में कठिनाइयां बनी हुई हैं।