Goa Temple Stampede: गोवा के शिरगांव गांव में शुक्रवार रात एक बड़ा हादसा हो गया। श्री लैराई मंदिर में सालाना ‘श्री लैराई जात्रा’ उत्सव के दौरान अचानक मची भगदड़ में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब 30 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यह हादसा तब हुआ जब देर रात मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। (Goa Temple Stampede) पूजा के दौरान अचानक किसी वजह से अफरातफरी मच गई और लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए भागने लगे। भगदड़ में कई लोग गिर पड़े और दब गए। चश्मदीदों ने बताया कि हालात इतने डरावने थे कि लोगों को सांस लेने तक में परेशानी हो रही थी। कई लोग बच्चों और बुजुर्गों को संभालते हुए जान बचाने की कोशिश करते देखे गए। हादसे की खबर मिलते ही पुलिस और आपातकालीन सेवाएं तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। घायलों को पास के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों की देखभाल में जुटी हुई है।

Goa Temple Stampede: क्यों मची भगदड़?
फिलहाल भगदड़ के पीछे की सटीक वजह का पता नहीं चल पाया है। हालांकि, शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और संख्या अनुमान से कहीं अधिक हो गई थी। (Goa Temple Stampede) अधिकारियों ने बताया कि हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मौके पर फोरेंसिक और सुरक्षा एजेंसियों की टीमें भी पहुंच गई हैं।
गोवा सरकार ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। सीएम प्रमोद सावंत ने लिखा कि आज सुबह शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई दुखद भगदड़ से मैं बहुत दुखी हूँ। मैं घायलों से मिलने अस्पताल गया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूँ ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने मुझसे बात की और स्थिति का विस्तृत जायजा लिया, इस कठिन समय में अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाएगा। (Goa Temple Stampede) बता दें कि श्री लैराई जात्रा गोवा के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। लेकिन इस बार यह उत्सव एक दुखद हादसे में तब्दील हो गया।