Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बड़े तामझाम से एम्स खुला था। लोकार्पण के समय पीएम नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि इससे पूर्वांचल, सीमावर्ती बिहार के साथ ही मित्र राष्ट्र नेपाल के लोगों का भी इलाज होगा। लेकिन एम्स में मरीजों के इलाज और सुविधा की जमीनी हकीकत क्या है इसे एक घटना से समझा जा सकता है। गुरुवार की देर रात बिछिया कैंप के 87 वर्षीय बुजुर्ग की तबीयत खराब होने के बाद एम्स पहुंचे।
वहां ड्रिप लगाने में पैरामेडिकल स्टॉफ ने नसों की तलाश में शरीर में कई छेद कर दिये। परिजनों ने खून बहता देखा तो आपत्ति दर्ज कराई। जिसके बाद उन्हें बाहर जाने को कहा गया। लेकिन ड्रिप नहीं लगने और खून बहने के बाद परिजनों ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया। इसके बाद दूसरे अस्पताल में इलाज कराया।
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Gorakhpur News : बुजुर्ग को ड्रिप लगाने में शरीर में कर दिये कई छेद
बिछिया आजाद नगर निवासी आशुतोष पांडेय ने बताते कि उनके बाबा 87 वर्षीय आद्या पांडेय की तबियत बुधवार को खराब हो गई। उनका ब्लड प्रेशर लो हो गया था। जिला अस्पताल ले गए तो वहां डॉक्टर ने किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इस पर आशुतोष एम्स की इमरजेंसी पहुंचे और बाबा को भर्ती करा दिया। वहां इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर ने चेकअप किया और ड्रिप चढ़ाने की बात कही। बाबा को बेड पर लिटाकर आशुतोष परिजनों को बुलाने बाहर आ गए। कुछ देर बाद वापस गए तो देखा कि पैरा मेडिकल स्टॉफ ने ड्रिप और इंजेक्शन लगाने के लिए हाथ में इतने छेद कर दिए। खून से कपड़े भीग गए। हाथों से खून बह रहा था। ग्लूकोज की ड्रिप चलनी बंद हो गई थी।
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Gorakhpur News : एम्स प्रशासन गलती मानने को तैयार नहीं
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एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए तीमारदारों को पुलिस की मदद लेनी पड़ी। आधी रात को परिजनों ने हंगामा किया। नर्सिंग स्टाफ परिजनों ने डॉयल 112 पर फोन कर पुलिस बुलाई और मरीज को डिस्चार्ज कराकर निजी अस्पताल ले गए। इलाज के बाद बुजुर्ग की हालत अब खतरे से बाहर है। मीडिया प्रभारी डॉ अरुप मोहंती ने बताया कि परिजन सहमति से मरीज ले गये। खून बहने जैसी बात समाने नहीं आई है। लिखित में शिकायत आती है तो जांच कराएंगे।