Brahma Kund Vrindavan Ka Itihas : वृंदावन, जो कि हिंदुओं की देवभूमि है, इस भूमि से जुड़े हुए कई इतिहास, पौराणिक और ऐतिहासिक हैं। ऐसा ही एक इतिहास है ब्रह्म कुंड का जो कि पौराणिक है और ऐतिहासिक भी।वैसे तो वृंदावन और मथुरा दिव्य दर्शन और कृष्ण लीलाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं, लेकिन यहां और भी ऐसी जगह हैं जहां भगवान कृष्ण ने बहुत सी लीलाएं की थीं। इसी वृंदावन में एक स्थान ऐसा भी है जहां ब्रह्मा जी ने स्वयं प्रकट होकर भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की थी। जी हां, यह केवल लोक कथा नहीं है, बल्कि इसका पौराणिक और ऐतिहासिक इतिहास है।
वृंदावन शोध संस्थान के सचिव लक्ष्मीनारायण तिवारी के अनुसार, वृंदावन में श्री रंगनाथ मंदिर के पास ब्रह्म कुंड है। यह वही स्थान है जहां ब्रह्मा जी का घमंड भगवान कृष्ण ने तोड़ा था और भगवान ब्रह्मांड हैं स्वयं प्रकट होकर भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की थी। इसका उल्लेख आपको भगवत गीता में भी पढ़ने को मिलता है। इस कुंड का निर्माण 16वीं शताब्दी में ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने कराया था।

Brahma Kund Ka Itihas : संतों की स्थल
इस स्थान को संतों का स्थल भी कहा जाता है। यहां पर अधिकतर संत अपनी साधना और योग में विलीन रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मीराबाई जब पहली बार वृंदावन आईं तो उन्होंने ब्रह्म कुंड के पास ही रात्रि में विश्राम किया था।
Brahma Kund Ka Itihas : भगवत गीता के अनुसार
भगवत गीता के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी को यह भान हुआ कि भगवान कृष्ण ही भगवान विष्णु हैं। इस हेतु उन्होंने भगवान कृष्ण की परीक्षा लेने के लिए एक लीला रची। जब भगवान कृष्ण अपने साथी ग्वाल-बालों के साथ गाय चराने गए तो ब्रह्मा जी ने भगवान कृष्ण के साथ जो ग्वाले थे उन सभी को स्वर्ग लोक में ले जाकर छुपा दिया। भगवान कृष्ण को जब यह पता चला तो उन्हें समझ में आया कि यह ब्रह्मा जी की ही लीला है। इसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वयं उन साथी मित्रों का रूप धारण किया और अपने-अपने घर को चले गए। 7 दिनों तक ब्रह्मा जी ने भगवान कृष्ण के मित्रों को स्वर्ग में छुपा कर रखा और उन्होंने हार मान ली। तब स्वयं प्रकट होकर भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की।
Brahma Kund Ka Itihas : ब्रह्म कुंड का महत्व
ब्रह्म कुंड का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस कुंड के जल को बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस कुंड के जल में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, इस कुंड के जल से आरोग्य भी प्राप्त होता है।
Brahma Kund Ka Itihas : ब्रह्म कुंड की यात्रा
यदि आप वृंदावन की यात्रा कर रहे हैं तो ब्रह्म कुंड अवश्य जाएं। यह एक पवित्र स्थान है और यहां आकर आपको शांति और सुकून का अनुभव होगा। वृंदावन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित है। यह दिल्ली से लगभग 160 किलोमीटर दूर है। आप यहां सड़क, रेल या हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं।
Brahma Kund Ka Itihas : ब्रह्म कुंड के पास अन्य दर्शनीय स्थल
श्री रंगनाथ मंदिर
गोकुल
यमुना नदी
निधिवन
बरसाना
Brahma Kund Ka Itihas : सुझाव
ब्रह्म कुंड की यात्रा के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।
इस कुंड के जल को पीने से पहले ध्यान रखें कि यह स्वच्छ हो।
इस कुंड के आसपास कई मंदिर हैं। आप इन मंदिरों के दर्शन भी कर सकते हैं।