JNU Violence: देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गुरुवार की रात अखिल (JNU Violence) भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट छात्र गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई। स्कूल आफ लैंग्वेज में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान दोनों गुटों से जुड़े हुए छात्र भिड़ गए। दोनों गुटों के बीच जमकर लाठी-डंडे और लात-घूंसे चले। इस हिंसक झड़प में कई छात्रों के घायल होने की खबर है।
इस घटना के बाद दोनों गुटों की ओर से एक-दूसरे पर विश्वविद्यालय में हिंसा का माहौल बनाने का आरोप लगाया गया है। लेफ्ट विंग से जुड़े हुए छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर विश्वविद्यालय में गुंडागर्दी करने का बड़ा आरोप लगाया है। दूसरी ओर विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए छात्रों ने इसे विश्वविद्यालय में नक्सली अटैक की संज्ञा दी है। दोनों गुटों के बीच हुई इस हिंसक झड़प का वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है।
JNU Violence: दोनों गुटों का एक-दूसरे पर हमला
घटना के संबंध में जानकारों का कहना है कि भाषा संस्थान में चुनाव समिति के सदस्यों के चयन को लेकर विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट छात्र गुटों के बीच यह भिड़ंत हुई। भिड़ंत के बाद जल्द ही दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। जेएनयू के एक अधिकारी ने बताया कि इस हिंसक झड़प में कुछ छात्र घायल हो गए जिन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोशल मीडिया पर भी इस हिंसक झड़प का वीडियो वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक गुट के छात्र को दूसरे गुटों पर डंडे से हमला करते हुए देखा जा सकता है। एक अन्य वीडियो में एक छात्र दूसरे गुट पर साइकिल फेंकता हुआ नजर आ रहा है। दोनों गुटों के बीच हुई इस हिंसक झड़प से जुड़े एक अन्य वीडियो में एक गुट की ओर से दूसरे गुट को पीटते हुए दिखाया गया है। वैसे विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने इस भिड़ंत के दौरान बीचबिचाव करते हुए संघर्ष को टालने की कोशिश की।
इस हिंसक झड़प के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी छात्र गुटों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस घटना के संबंध में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश में जुटी हुई है जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। इस घटना में घायल हुए छात्रों की संख्या के संबंध में भी अभी तक कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत में ही हिंसा
जेएनयू कैंपस में चार साल बाद छात्रसंघ चुनाव की तैयारी चल रही हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत के साथ ही दोनों परस्पर विरोधी गुटों के बीच तनाव की स्थिति दिख रही है। इसी का नतीजा गुरुवार की रात हिंसा के रूप में सामने आया है। जानकारों का मानना है कि ऐसे माहौल में छात्रसंघ का शांतिपूर्ण चुनाव हो पाना संभव नहीं दिखता है। दोनों छात्र गुटों ने इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। वामपंथी छात्र गुटों ने विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों पर कैंपस के भीतर गुंडागर्दी करने का बड़ा आरोप लगाया है जबकि विद्यार्थी परिषद ने इसे विश्वविद्यालय में नक्सली अटैक की संज्ञा दी है।