Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कुशहा में भारतीय केवट एकता महासंघ के पदाधिकारियों ने पूर्व मंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मझवार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि संविधान के अनुसूचित जाति 1950 में उत्तर प्रदेश की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया था। (Mirzapur News) इनमें मझवार जाति भी शामिल थी। लेकिन, 1956 में अनुसूचित जाति अधिनियम में संशोधन किया गया और मझवार जाति को अनुसूचित जाति से बाहर कर दिया गया।
Mirzapur News: जनसभा को संबोधित किया।
केवट एकता महासंघ ने आरोप लगाया कि यह संशोधन राजनीतिक कारणों से किया गया था। उन्होंने कहा कि मझवार जाति एक पिछड़ी और शोषित जाति है और उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए।
ज्ञापन सौंपने के बाद केवट एकता महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे आंदोलन करेंगे।
इस अवसर पर केवट एकता महासंघ के अध्यक्ष चौधरी शंकर बिंद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य तुलसीदास बिंद, जिला पंचायत सदस्य हरि भगवानप्रधान और राजन बिंद सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे।
पूर्व मंत्री जयप्रकाश निषाद ने कहा कि वह मझवार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाएंगे।