Onion price: अक्टूबर और नवंबर में भारत में कई बड़े त्योहार होते हैं, जैसे कि दीपावली, करवा चौथ, और धनतेरस, जिनमें प्याज का उपयोग भोजन बनाने में होता है। इन त्योहारों के सीजन में प्याज की मांग बढ़ जाती है, जिससे उसकी कीमतें उच्च हो जाती हैं।
प्याज उत्पादन में मौसम का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस साल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में असामान्य मौसम की वजह से प्याज की फसल की आवक में देरी हो गई है, जिससे इसकी कीमतें बढ़ गई हैं। कर्नाटक जैसे राज्यों में कम उत्पादन की अनुमानित रूप से कमी होने के कारण, प्याज की कीमतें अधिक हो रही हैं। इसका कारण अनियमित बारिश और सूखा हो सकता है, जो फसल को प्रभावित करता है.
Onion price: मंडी में आवक की कमी
मंडी में प्याज की कम आवक और अधिक मांग के कारण प्याज की कीमतें ऊंची हो गई हैं। जब तक नई प्याज की फसल नहीं आती, तब तक कीमतें कम होने की संभावना कम है। इस समय प्याज की कीमतों के बढ़ने से लोगों को महंगाई की समस्या से निपटना पड़ रहा है, और सरकारें भी इस मुद्दे पर कदम उठाने के लिए कदम उठा रही हैं। आवश्यक है कि किसानों को मौसम से संबंधित सलाह और समर्थन प्रदान किया जाए, ताकि ऐसे अच्छे तरीके से उत्पादन किया जा सके और मूल्यों में स्थिरता बने।
प्याज की कीमतें इन दिनों आसमान छू रही हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का भाव 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इससे पहले, प्याज का भाव 2022 में 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। प्याज की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी के कई कारण हैं। एक कारण है, उत्पादन में कमी। इस साल, प्याज की फसल खराब हुई है। बारिश और ओलावृष्टि के कारण प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। इससे उत्पादन में कमी आई है।
दूसरा कारण है, आयात में कमी। भारत प्याज का आयात भी करता है। लेकिन इस साल, आयात में कमी आई है। इससे भी प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।तीसरा कारण है, मांग में वृद्धि। त्योहारों के मौसम में प्याज की मांग बढ़ जाती है। इससे भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। प्याज एक आवश्यक वस्तु है। इससे रसोई का बजट बिगड़ गया है।
प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए, सरकार ने प्याज के आयात को बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने 2 लाख टन प्याज के आयात की अनुमति दी है। इससे कुछ हद तक प्याज की कीमतों में कमी आ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर में प्याज की कीमतें और बढ़ सकती हैं। नवंबर में, त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। इससे प्याज की मांग और बढ़ जाएगी। इससे कीमतों में और भी अधिक वृद्धि हो सकती है। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी से आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। सरकार को प्याज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना चाहिए। इसके साथ ही, सरकार को प्याज के आयात को और बढ़ाना चाहिए।