Raebareli News : रायबरेली जनपद में सलोन नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे जीतने के मामले में फंस गया है। मामला स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के गृह जनपद रायबरेली का है। जहाँ कुछ दिन पहले सलोन नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी जीत दर्ज करने वाले चंद्रशेखर रस्तोगी की कुर्सी पर तलवार लटक गयी है।
Raebareli News : ये है पूरा मामला
सलोन नगर पंचायत अध्यक्ष का पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था। चंद्रशेखर रस्तोगी ने पिछड़ी जाति ओबीसी का प्रमाणपत्र लगाकर नामांकन दाखिल किया था। पर्चा दाखिल करने के बाद चंद्रशेखर रस्तोगी ने इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हराया था, साथ ही भारी मतों से जीत दर्ज की थी। जीत के बाद स्थानीय ओमप्रकाश आदि ने तहसीलदार सलोन के यहाँ चंद्रशेखर रस्तोगी के जाति प्रमाणपत्र को चैलेंज करते हुए शिकायत की थी। इस मामले में जाँच समिति के सामने चंद्रशेखर रस्तोगी ने खुद को सुनार जाति का बताते हुए अपना प्रमाणपत्र सही बताया था।
Raebareli News : डीएम ने निरस्त किया जाति प्रमाण पत्र
हालांकि पिछडा वर्ग की सूची में रस्तोगी न दर्ज होने के चलते जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है। जाति प्रमाणपत्र निरस्त होने के बाद यदि चंद्रशेखर रस्तोगी अब कोर्ट से कोई स्टे नहीं आता है तो चंद्रशेखर रस्तोगी की कुर्सी भी जा सकती है। हालांकि इस मामले में जांच के जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने चंद्रशेखर रस्तोगी का जाति प्रमाण पत्र खारिज कर दिया है। वही, जब इस मामले में चंद्रशेखर रस्तोगी का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है।
Raebareli News : मामले पर क्या कहते हैं वकील
इस मामले पर वकील गौरव मिश्रा का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति के पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र है और वह किसी आरक्षित पद पर चुनाव जीतता है, तो उसके चुनाव को रद्द किया जा सकता है। इस मामले में भी ऐसा ही हो सकता है। यदि चंद्रशेखर रस्तोगी के खिलाफ कोई याचिका दायर होती है, तो कोर्ट उनकी कुर्सी को भी खारिज कर सकता है।
Raebareli News : क्या है नियम
भारतीय चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र है और वह किसी आरक्षित पद पर चुनाव जीतता है, तो उसके चुनाव को रद्द किया जा सकता है। इसके लिए कोई व्यक्ति चुनाव आयोग में याचिका दायर कर सकता है। याचिका में व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि चुनावी उम्मीदवार के पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र है। यदि चुनाव आयोग याचिका को सही पाता है, तो वह चुनाव को रद्द कर सकता है। रायबरेली के सलोन नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्रशेखर रस्तोगी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। इस सीट पर पिछड़ी जाति के लिए आरक्षण था। रस्तोगी ने चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आरोप लगे। इस मामले में जांच के बाद जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने रस्तोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है। ऐसे में रस्तोगी की कुर्सी पर तलवार लटक गयी है।