Rajasthan News: श्रीकरणपुर विधानसभा उपचुनाव में हार का सामना करने वाले मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी (Rajasthan News) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को आए चुनाव परिणाम में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर ने 11283 वोटों के अंतर से हरा दिया था। जिसके बाद से उनकी कुर्सी खतरे में पड़ गई थी। नतीजे के आने के कुछ ही देर बाद उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेज दिया। सीएम शर्मा ने टीटी का इस्तीफा राज्यपाल कलराज मिश्र को भेज दिया, जिसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया।
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने श्रीकरणपुर से उम्मीदवार बनाया था। उनके सामने थे तत्कालीन कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर। लेकिन कुन्नर की अचानक चुनाव प्रचार के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद इस सीट पर चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। बीजेपी ने इस सीट पर उपचुनाव में अपनी जीत को कंफर्म करने के लिए प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बना दिया, मगर नतीजे बता रहे हैं कि पार्टी का ये दांव बुरी तरह विफल रहा।
Rajasthan News: 30 दिसंबर को टीटी ने ली थी शपथ
राजस्थान में नतीजे 3 दिसंबर को ही आ गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा दो हफ्ते में और कैबिने का विस्तार महीने के अंत में हुआ था। 30 दिसंबर को जब राजभवन में भजनलाल कैबिनेट में शामिल मंत्री शपथ ले रहे थे, उनमें सुरेंद्र पाल सिंह टीटी भी शामिल थे। उन्हें राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। इसको लेकर कांग्रेस की ओर से आपत्ति भी जताई गई थी। टीटी ने अभी तक अपने विभाग का कार्यभार भी नहीं संभाला था कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। राजस्थान की नई भजनलाल सरकार की इससे भारी किरकिरी हुई है।
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने जनादेश को सहर्ष स्वीकार करते हुए मंत्री पद से त्याग पत्र दिया। वह पुन: करणपुर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में समर्पित रहेंगे। वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की तरह बीजेपी आलाकमान ने राजस्थान में पुरानी लीडरशिप को रिप्लेस करते हुए सरकार के कमान नए चेहरे के हाथ में दी। कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की जगह पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को सीएम पद की शपथ दिलाई गई। उनके साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। इस तरह भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में ब्राह्मण, राजपूत और दलित जाति से आने वाले नेताओं को सरकार में अहम पद देकर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की।