Rajasthan Politics: राजस्थान में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी और 6 विधायकों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा का घेराव करने के लिए 22 गोदाम स्थित सहकार भवन के पास जमावड़ा किया। यहां से वे विधानसभा की ओर कूच करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इस दौरान कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारे लगाते रहे।
बता दें, 22 गोदाम सर्किल पर स्थित भारत पेट्रोल पंप से अंदर की तरफ जाने वाली सड़क पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। (Rajasthan Politics) सड़क पर दो जगह बैरिकेडिंग की गई है, जिसके बीच में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक मंच बनाया है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पेट्रोल पंप से पहले ही रोकने की तैयारी कर रखी है। साथ ही 22 गोदाम के पास प्रदर्शन कर रहे कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया है।
वहीं, विधानसभा की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल पूरी तरह से तैनात है और स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। साथ ही विधानसभा घेराव के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने सख्त कार्रवाई की। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक-एक कर हिरासत में लिया जा रहा है।

Rajasthan Politics: इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से हुआ विवाद
दरअसल, इस प्रदर्शन का कारण पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा की गई विवादित टिप्पणी और विधानसभा में 6 कांग्रेस विधायकों का निलंबन है। (Rajasthan Politics) मंत्री अविनाश गहलोत ने सदन में इंदिरा गांधी को ‘आपकी दादी’ कहकर संबोधित किया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह टिप्पणी और निलंबन गलत है और इसके खिलाफ वे विधानसभा तक जाकर अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। कांग्रेस ने इस बयान को असंसदीय करार देते हुए कड़ा विरोध जताया और चार दिन से लगातार विधानसभा में धरना दे रही है।

कांग्रेस का विधानसभा में भी हंगामा
इधर, सोमवार को जब विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायकों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए हंगामा कर दिया। (Rajasthan Politics) इस पर स्पीकर ने कहा कि जो विधायक निलंबित किए गए हैं, वे सदन छोड़ दें और आसन का सम्मान करें।
कांग्रेस ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि यह सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट रही है। निलंबन के जरिए विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।