SC on Godhra Kand: गोधरा कांड मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने गोधरा कांड के दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 2 जजों की पीठ द्वारा उनकी अपील पर सुनवाई करने पर आपत्ति जताई गई थी। (SC on Godhra Kand) दरअसल दोषियों ने अपनी याचिका में बताया था कि दो जजों की पीठ उनकी अपील पर सुनवाई नहीं कर सकती है क्योंकि यह मामला मौत की सजा से जुड़ा हुआ है। इस मामले में आज की सुनवाई में क्या कहा गया, आइये जानते हैं।

SC on Godhra Kand: याचिकाकर्ता के वकील ने दी ये दलील
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने आज मंगलवार को गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले पर सुनवाई की और इस दौरान उन्होंने दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में लिखा था कि दो जजों की पीठ उनकी अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता है। SC on Godhra Kand) इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील पेश करते हुए लाल किला आतंकी हमले में मोहम्मद आरिश उर्फ अशरफ को मौत की सजा देने वाले मामले का जिक्र किया। वकील ने कहा कि उस सुनवाई में कहा गया था कि तीन जजों की पीठ ही मौत की सजा वाले मामलों की सुनवाई कर सकती है। ऐसे में अगर दो जजों की पीठ ने आरोपियों को मौत की सजा दी, तो इस मामले पर तीन जजों की पीठ को दोबारा सुनवाई करनी पड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दलील दी कि तीन जजों की पीठ उन्हीं मामलों पर सुनवाई कर सकती हैं, जिनमें हाई कोर्ट ने मौत की पुष्टि की हो। (SC on Godhra Kand) कोर्ट ने आगे कहा कि गुजरात हाई कोर्ट ने पहले ही 11 दोषियों की मौत की सजा को उमक्रैद में बदल दिया था, सिर्फ ट्रायल कोर्ट ने ही मौत की सजा सुनाई है, इसलिए दो जजों की पीठ सुनवाई कर सकती है।
क्या है गोधरा कांड?
गोधरा कांड 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर हुआ था। मुजफ्फरपुर से यात्रा करते हुए जब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन गोधरा स्टेशन पर पहुंची तो उसके कोच एस 6 में आग लगा दी गई। इसमें यात्रा कर रहे 59 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे। इस घटना के बाद गुजरात में हिंसक दंगे भड़क गए थे, जो लगभग 2-3 महीने तक जारी था। इस मामले में 2005 में केंद्र ने राज्यसभा को बताया था कि इन दंगों में 254 हिंदुओं और 790 मुसलमानों की जान चली गई और 223 लोग लापता हो गए थे।