UP Police: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड को एक ओबीसी उम्मीदवार की नियुक्ति एक माह के अंदर में करने का आदेश दिया है।अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर अभ्यर्थी ने ऑनलाइन आवेदन में विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक जाति प्रमाण पत्र का विवरण अंकित किया है और निर्धारित कटऑफ से अधिक अंक अर्जित किए हैं, तो उसे ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। भले ही अभ्यर्थी की ओर से पुरानी तारीख का अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया गया हो।
UP Police:जस्टिस अजीत कुमार की सिंगल बेंच ने दिया यह आदेश
याचिकाकर्ता के वकील सुनील यादव ने बताया कि ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा ने चयन प्रक्रिया के दौरान आरक्षण का दावा करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दो जाति प्रमाण पत्र दाखिल किए थे। एक जाति प्रमाण पत्र का विवरण विज्ञापन के अनुरूप था और दूसरा प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया गया था।
इसके आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा याची (ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा) को सामान्य श्रेणी का अभ्यर्थी मानकर ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया, जिसके कारण ओबीसी कटऑफ से अधिक नंबर लाने के बावजूद याची को असफल घोषित किया गया अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याची ने ऑनलाइन आवेदन में जाति प्रमाण पत्र का विवरण विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक अंकित किया है और निर्धारित कटऑफ से अधिक अंक अर्जित किए हैं। ऐसे में उसे ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित करना गलत है।अदालत ने यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड को आदेश दिया है कि वह एक माह के अंदर याची को नियुक्ति दे। इस आदेश से ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को राहत मिलेगी।