Ballia News: यूपी के बलिया में बंदरों के आतंक से परेशान शहर के जापलीनगंज मोहल्ले के लोगों ने अनोखा विरोध शुरू किया है। मुहल्लेवासियों ने रविवार को गली में ‘बलिया नगर पालिका सामने आओ, बंदरों से हमें बचाओ’ का नारा लगाया। इतना ही नहीं उन्होंने हनुमान चालीसा का भी पाठ किया।

यहां रहने वाली संगीता जायसवाल बताती हैं कि मेरा घर गायत्री कालोनी वार्ड नंबर 16 में पड़ता है। बगल में स्कूल है। मोहल्ले के लोग बंदरों से परेशान हैं। इसलिए शनिवार को हमने कलेक्टर और नगर पालिका को ज्ञापन सौंपा।
Ballia News: लोगों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
संगीता जायसवाल बताती हैं कि हर दिन किसी न किसी को बंदर काट लेते हैं। जो स्वस्थ और मजबूत हैं वो तो निकल जाते हैं। लेकिन बच्चों, बुजुर्गों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने डीएम व नगरपालिका के यहां गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः हनुमान जी के शरण में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया, ताकि बंदरों से निजात मिले।

इस बाबत डीएफओ विमल कुमार आनंद ने बताया कि अब बंदर जनता के साथ रहते-रहते आबादी में रहने के आदी हो गए हैं। शासन से आदेश भी है कि बंदरों की जिम्मेदारी नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत की है। सहयोग के लिए वन विभाग तत्पर है, जो मदद होगी दी जाएगी। अब देखना होगा कि क्या जिला प्रशासन बंदरों को पकड़ पाएगा या फिर हनुमान चालीसा का कुछ असर होगा।

Ballia News : बंदरों के आतंक से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
बंदरों के आतंक से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
बंदरों के आवास को कम करना: बंदरों के आवास को कम करने से उन्हें शहरों में आने से रोका जा सकता है। इसके लिए पेड़ों की कटाई को रोकना, खाली पड़ी जमीनों को विकसित करना, और कूड़े-कचरे को साफ रखना जरूरी है।
बंदरों को पकड़ना और पुनर्वास करना: बंदरों को पकड़कर उन्हें जंगलों में छोड़ा जा सकता है। इसके लिए वन विभाग और नगर पालिकाओं को मिलकर काम करना होगा।
बंदरों को भगाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करना: बंदरों को भगाने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि ध्वनि, रोशनी, और विद्युत प्रवाह।
बलिया में बंदरों के आतंक से निपटने के लिए इन उपायों को लागू किया जाना चाहिए।
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