Bihar Election: बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राज्य का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुटे हैं और जनसभाओं का दौर शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी बिहार में अपनी सक्रियता काफी बढ़ा दी है। इस बार ओवैसी पिछले चुनाव से भी बड़ी चुनौती पेश करने का दावा कर रहे हैं।
Bihar Election: हम चार का जवाब 24 से देंगे
दरअसल, पिछली बार AIMIM के सीमांचल पर जीतकर आए पांच में से चार विधायक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए थे। (Bihar Election) इसी घटनाक्रम पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने यह हुंकार भरी है।
‘गद्दारों’ पर हमला और 24 सीटों का लक्ष्य
बहादुरगढ़ में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने उन विधायकों पर तीखा हमला बोला जिन्होंने पार्टी बदलकर AIMIM को कमजोर करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, “जिन्होंने सोचा था कि अगर चार को तोड़ा जाए तो हम कमजोर हो जाएंगे, मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि हम चार का जवाब 24 से देंगे।” इस बयान से साफ है कि AIMIM इस बार केवल अपनी खोई हुई सीटों को वापस पाने की कोशिश ही नहीं करेगी, बल्कि कम से कम 24 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का बड़ा लक्ष्य लेकर मैदान में उतरेगी।
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ओवैसी ने पिछली बार हुए इस राजनीतिक बदलाव का ज़िक्र करते हुए उन नेताओं को ‘गद्दार’ बताया। (Bihar Election) उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने जनता के भरोसे को तोड़ा है और इस गद्दारी का जवाब आने वाले चुनाव में बिहार की जनता देगी। ओवैसी लगातार यह तर्क दे रहे हैं कि वे केवल मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को मजबूती से उठा सकते हैं, जबकि बाकी दल केवल वोट बैंक की राजनीति करते हैं।
वक्फ कानून पर तीखा प्रहार: ‘मस्जिदें नहीं छोड़ेंगे’
अपनी रैली के दौरान, ओवैसी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने केंद्र द्वारा लाए जा रहे वक्फ कानून को एक ‘काला कानून’ बताया। (Bihar Election) ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की कुछ नीतियाँ धार्मिक संपत्तियों के लिए खतरनाक हैं। उनका दावा है कि इस नए कानून को बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों, विशेषकर वक्फ संपत्तियों को छीनने की कोशिश हो सकती है।
इस ‘काला कानून’ को लेकर ओवैसी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे बड़े नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने साफ एलान किया कि वे और उनकी पार्टी अपनी जगह से हटने वाले नहीं हैं। ओवैसी ने भावुक अंदाज़ में कहा, “हमारी मस्जिदें, दरगाहें, खानकाहें और कब्रिस्तान सुरक्षित रहेंगे और हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि वह संसद में भी इस कानून का कड़ा विरोध कर चुके हैं और वहां इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दिया था।
मुस्लिम बहुल सीमांचल पर ख़ास ध्यान
AIMIM की चुनावी रणनीति इस बार पूरी तरह से उन सीटों पर केंद्रित है जहां मुस्लिम आबादी अधिक है। (Bihar Election) पार्टी का सबसे ज़्यादा ध्यान एक बार फिर सीमांचल क्षेत्र पर है। पिछली बार उनकी पार्टी के सभी पांच उम्मीदवार यहीं से जीत कर आए थे। ओवैसी का आरोप है कि कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर इस क्षेत्र का विकास रोक रहे हैं और यहां की तरक्की नहीं चाहते हैं।
ओवैसी की बिहार में लगातार बढ़ती सक्रियता और 24 सीटें जीतने का दावा यह स्पष्ट करता है कि आगामी चुनाव में AIMIM राज्य के राजनीतिक समीकरणों को एक बार फिर प्रभावित करने की क्षमता रखती है, खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में। (Bihar Election) अब देखना यह है कि ओवैसी का ‘4 का जवाब 24 से’ देने का नारा कितना सफल हो पाता है।












