.Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और सह-संस्थापक रामदेव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें कोर्ट ने औषधीय इलाज के बारे में कोर्ट के आदेश के बावजूद भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद और उसके एमडी को अवमानना नोटिस जारी किया था।
Baba Ramdev : बाबा रामदेव हाजिर हों
![Baba Ramdev : 'रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी , अदालत में पेश हों.. 2 image 344](https://india24x7livetv.com/wp-content/uploads/2024/03/image-344.jpeg)
आज, जब पीठ को सूचित किया गया कि अवमानना नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया गया है, तो कोर्ट ने आचार्य बालकृष्ण की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग करते हुए एक आदेश पारित किया। इसके अलावा, कोर्ट ने न केवल बाबा रामदेव को अवमानना नोटिस जारी किया, बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का भी निर्देश दिया।
![Baba Ramdev : 'रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी , अदालत में पेश हों.. 3 image 345](https://india24x7livetv.com/wp-content/uploads/2024/03/image-345.jpeg)
Baba Ramdev : अदालत में क्या हुआ ?
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पतंजलि की ओर से पेश हुए। कार्यवाही की शुरुआत में ही न्यायमूर्ति कोहली ने पूछा: जवाब कहां है? इस पर रोहतगी ने जवाब दिया कि जवाब दाखिल नहीं किया जा सका और यह बहुत छोटा जवाब था।
इस पर न्यायमूर्ति कोहली ने फटकार लगाते हुए कहा, यह ठीक नहीं है। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। यदि आप दाखिल नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि इसके बाद आदेश और उसके नतीजे होंगे। न्यायमूर्ति कोहली ने जवाब दाखिल न करने का कारण भी पूछा, क्योंकि एक सप्ताह के बजाय दो सप्ताह की लंबी समयसीमा दी गई थी।
![Baba Ramdev : 'रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी , अदालत में पेश हों.. 4 image 346](https://india24x7livetv.com/wp-content/uploads/2024/03/image-346.jpeg)
Baba Ramdev: जानिए पूरा मामला
कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में एलोपैथी और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के बारे में लगातार फैल रही गलत सूचनाओं पर चिंता जताई गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन एलोपैथी की निंदा करते हैं और कुछ बीमारियों के इलाज के बारे में झूठे दावे करते हैं।