
cough-syrup: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत के बाद पुलिस ने डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ तथा तमिलनाडु स्थित फार्मास्यूटिकल निर्माता Sresan Pharmaceuticals के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि बच्चों ने “Coldrif” कफ सिरप का सेवन किया था, जिसमें खतरनाक रसायन diethylene glycol की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई, जो अंततः घातक renal failure (गुर्दे की विफलता) का कारण बनी।
पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने मीडिया से बातचीत में पुष्टि की कि डॉ. सोनी ने अधिकांश बच्चों को यह सिरप नुस्खे पर लिखा था। (cough-syrup) उन्होंने बताया कि Block Medical Officer की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105 और 276, और Drugs and Cosmetics Act की धारा 27(A) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शनिवार रात परसिया पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई और डॉ. सोनी को Kotwali पुलिस थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से रात के वक्त गिरफ्तारी के दौरान पकड़ा गया।
सुपरिटेंडेंट पांडे ने बताया कि एक Special Investigation Team (SIT) गठित की गई है जो Sresan Pharmaceuticals के कार्यों की जांच करेगी। (cough-syrup) टीम तमिलनाडु स्थित कंपनी के उत्पादन स्थल पर जाकर सिरप के स्रोत और संघटन का पता लगाएगी।
पांडे ने बताया, “कंपनी को इस मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में नामित किया गया है।”
मृत्यु के मामले विशेष रूप से परसिया क्षेत्र में सामने आए थे और प्रारंभिक रिपोर्टों में इन मौतों को खांसी और जुकाम के गंभीर लक्षणों से जोड़ा गया था। Block Medical Officer की विस्तृत जांच में यह पाया गया कि Coldrif सिरप में एक हानिकारक रसायन था, जो बच्चों के गुर्दे की विफलता का कारण बना।
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अब पुलिस नुस्खे और आपूर्ति श्रृंखला की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लापरवाही और जिम्मेदारी की सीमा क्या थी।
इस घटना ने आक्रोश और फार्मास्यूटिकल उत्पादन और बच्चों के इलाज में कड़ी निगरानी की मांग उठाई है। (cough-syrup) अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी तरह से की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की प्रक्रिया जारी रहेगी।










