Food Inflation: उत्तर प्रदेश में इन दिनों टमाटर, आलू और प्याज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। टमाटर का भाव 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जबकि आलू और प्याज भी 40-50 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक रहे हैं। इन बढ़ती कीमतों ने आम जनता की जेब पर भारी असर डाला है।
टमाटर, आलू और प्याज भारतीय रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्जियां हैं। (Food Inflation) इनकी कीमतों में वृद्धि से आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ गया है। लोगों को इन सब्जियों के बिना खाना बनाना मुश्किल हो रहा है।
इन बढ़ती कीमतों के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें उत्पादन में कमी, मांग में वृद्धि और मौसम की स्थितियां शामिल हैं। (Food Inflation) उत्पादन में कमी के कारण बाजार में इन सब्जियों की आपूर्ति कम हो गई है, जिससे मांग बढ़ गई है। इसके अलावा, मौसम की स्थितियों के कारण भी इन सब्जियों की कीमतें बढ़ी हैं।
इन बढ़ती कीमतों से महंगाई का खतरा भी बढ़ गया है। टमाटर, आलू और प्याज का महंगाई दर में 0.6 फीसदी, 1 फीसदी और 0.6 फीसदी का हिस्सा होता है। ऐसे में अगर इन सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी होगी तो इसका असर खाद्य महंगाई पर निश्चित रूप से दिखेगा।
सरकार ने इन बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने इन सब्जियों के आयात को बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, सरकार ने इन सब्जियों का स्टॉक बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देने की योजना भी बनाई है।
हालांकि, इन कदमों से कब तक इन बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, यह कहना अभी मुश्किल है। (Food Inflation) ऐसे में आम जनता को इन सब्जियों के उपयोग को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
Food Inflation: प्याज की बढ़ती कीमतों में लगाम लगाने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
प्याज रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है, वहीं इसकी रिटेल कीमतों में पिछले तीन महीने में 25 फीसदी की कमी देखी गई है. अक्टूबर 2023 में प्याज के दाम में 74 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई थी , जिसके बाद केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही सरकार ने 25 रुपये के रेट पर प्याज की बिक्री का भी फैसला किया था.
सरकार की इन कोशिशों के कारण अब प्याज नासिक मंडी में 1000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गया है जो महीने के शुरुआत में 2000 रुपये प्रति क्विंटल तक था. टमाटर, आलू और प्याज का महंगाई दर में 0.6 फीसदी, 1 फीसदी और 0.6 फीसदी का हिस्सा होता है. ऐसे में अगर इन अगर इन सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी होगी तो इसका असर खाद्य महंगाई पर निश्चित रूप से दिखेगा.