Gorakhpur News: यूपी पुलिस के कारनामों की कोई सीमा नहीं है। एक बार फिर से यूपी पुलिस ने ऐसी कारगुजारी की है जिससे हर कोई हैरान है। इस बार यूपी पुलिस ने एक ऐसे युवक पर गैंगस्टर लगा दिया है, जिसकी मौत साल भर पहले ही हो चुकी है। पुलिस ने ही साल भर पहले लाश को परिवारीजनों को सौंपा था। अब जब पुलिस मृतक को गैंगस्टर बताकर परिवार के लोगों को थाने बुला रही है तो इसे उपलब्धि ही कहेंगे।
Gorakhpur News: पूरा मामला
दरअसल, मामला गोरखपुर जिले Gorakhpur News:के शाहपुर थाने का है। शाहपुर थाने की पुलिस ने एक बदमाश के खिलाफ उसकी मौत के एक साल बाद गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिस बदमाश की 27 अक्टूबर 2022 में सड़क हादसे में मौत हो चुकी है उस पर 28 अक्टूबर 2023 को शाहपुर पुलिस ने डीएम से अनुमोदन लेकर गैंगस्टर एक्ट का केस किया है। शाहपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर मोहल्ला छोटी मस्जिद निवासी इमरान अंसारी पुत्र जमालुद्दीन अंसारी पर शाहपुर पुलिस ने 28 अक्टूबर 2023 को गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची तो पता चला कि 27 अक्टूबर 2022 को सड़क हादसे में उसकी मौत हो चुकी है।

Gorakhpur News: दो संदिग्ध अपराध में आरोपी था इमरान
पुलिस का कहना है कि इमरान अंसारी पर दो संदिग्ध अपराधों में केस दर्ज था। इनमें छह अगस्त 2022 को दिन में करीब साढ़े तीन बजे उसने गीता वाटिका के पास कौस्तुभ सिंह से चाकू की नोक पर धमकी देते हुए रुपये की वसूली की थी। इस मामले में पुलिस ने रंगदारी और धमकी का केस दर्ज किया था। आठ अगस्त 2022 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। उसी दिन यानी छह अगस्त 2022 को ही पैसा वसूली की घटना से ढाई घंटे पर यानी दिन में एक बजे के करीब करन मिश्रा के साथ खंचाजी चौराहे के पास 13 हजार रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना में मैनुद्दीन और इमरान के अलावा मो. जैद का नाम सामने आया था। इन्हीं दोनों मामले में गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है जिसमें मैनुद्दीन गैंग का लीडर और इमरान अंसारी तभा मो. जैद को सक्रिय सदस्य बनाया गया है।
हालांकि, इमरान अंसारी के परिवार का कहना है कि उनकी मौत 27 अक्टूबर 2022 को हुई थी। पुलिस ने ही उन्हें लाश सौंपी थी। अब जब पुलिस उन्हें गैंगस्टर बताकर थाने बुला रही है तो यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पुलिस ऐसा क्यों कर रही है। इस पूरे मामले में लोगों के बीच सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यूपी पुलिस इतनी बेवकूफी कैसे कर सकती है? क्या पुलिस का काम सिर्फ लोगों को परेशान करना है? क्या पुलिस की कोई जवाबदेही नहीं है? इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी हस्तक्षेप करना चाहिए और ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले रहे हैं।