Haryana Assembly Elections 2024 : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा रखी है। दूसरी ओर भाजपा एक बार फिर राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। तमाम विधानसभा सीटों पर दोनों दलों के बीच कांटे के मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है और ऐसे में बागी प्रत्याशी दोनों दलों के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 20 और भाजपा को 15 विधानसभा क्षेत्रों में बागी प्रत्याशियों का मुकाबला करना पड़ रहा है। हरियाणा में नाम वापस लेने की आखिरी तारीख सोमवार थी मगर वरिष्ठ नेताओं की अपील को ठुकराते हुए इन प्रत्याशियों ने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि बागी प्रत्याशी तमाम विधानसभा क्षेत्रों में दोनों दलों का खेल बिगाड़ेंगे।

Haryana Assembly Elections 2024 : मैदान में डटे हुए हैं दोनों दलों के बागी
नाम वापसी की आखिरी तारीख तक दोनों दलों के बड़े नेताओं ने बागी प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेने के लिए राजी करने की पूरी कोशिश की। इसके बावजूद दोनों दलों को पूरी तरह कामयाबी नहीं मिल सकी।हालांकि दोनों पार्टियों के नेता कुछ बागी प्रत्याशियों का नामांकन वापस कराने में कामयाब जरूर साबित हुए। कांग्रेस सात निर्वाचन क्षेत्रों में 12 असंतुष्ट नेताओं को मनाने में कामयाब रही। हालांकि अभी भी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के 29 बागी प्रत्याशी डटे हुए हैं।

Haryana Assembly Elections 2024 : भाजपा के बागियों में सावित्री जिंदल भी शामिल
दूसरी ओर भाजपा नेताओं की अपील पर छह विधानसभा क्षेत्रों में बागी प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया। भाजपा जिन बागियों का नामांकन वापस कराने में कामयाब रही, उनमें सबसे प्रमुख नाम पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पंडित रामविलास शर्मा का है। कांग्रेस की ओर से सांसद दीपेंद्र हुड्डा और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने असंतुष्टों को मनाने की जिम्मेदारी संभाल रखी है।भाजपा के बागी प्रत्याशियों में प्रमुख उद्योगपति सावित्री जिंदल का नाम भी शामिल है। हिसार विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट न मिलने के बाद उन्होंने बागी तेवर अपना लिया है। उनके अलावा इसी विधानसभा क्षेत्र में गौतम सरदाना भी पार्टी प्रत्याशी कमल गुप्ता को कड़ी चुनौती दे रहे हैं।

Haryana Assembly Elections 2024 : आप से गठबंधन न होने का दिखेगा बड़ा असर
पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था और दोनों दलों ने पांच-पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन किया था और आप को कुरुक्षेत्र की लोकसभा सीट दी थी। कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ी थी जिनमें से पांच सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। कुरुक्षेत्र में आप प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार राहुल गांधी की तमाम कोशिशों के बावजूद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं हो सका। गठबंधन संबंधी बातचीत टूटने के बाद आप ने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि अब भाजपा विरोधी मतों का बंटवारा होना तय माना जा रहा है।

Haryana Assembly Elections 2024 : कांग्रेस को बागी प्रत्याशियों से बड़ा खतरा
सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला होने के कारण तमाम विधानसभा क्षेत्रों में हार-जीत का फैसला काफी कम मार्जिन से होगा। ऐसे में बागी प्रत्याशी दोनों दलों का खेल बिगाड़ेंगे। कांग्रेस को बागी प्रत्याशियों से ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है क्योंकि अभी भी 20 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के 29 बागी प्रत्याशी डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा की तमाम कोशिशों के बावजूद इन बागियों ने नामांकन वापस नहीं लिया।

Haryana Assembly Elections 2024 : भाजपा के लिए भी बागी खतरे की घंटी
उधर,भाजपा के लिए भी बागी प्रत्याशियों ने खतरे की घंटी बजा रखी है। 15 विधानसभा क्षेत्रों में अभी भी भाजपा के 19 बागी प्रत्याशी डटे हुए हैं। वैसे दोनों दलों की ओर से अभी भी बागी प्रत्याशियों को मनाने की कवायद की जा रही है। बागी प्रत्याशियों में कई ऐसे चेहरे भी हैं जो पार्टी की हार का कारण बन सकते हैं और यही कारण है कि दोनों पार्टियों के नेताओं की नींद उड़ी हुई है।बागी प्रत्याशियों को इस बात का एहसास है कि यदि वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे तो उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी। इसके साथ ही वे टिकट काटे जाने के बाद पार्टी नेतृत्व को सबक भी सीखाना चाहते हैं।