Lakhimpur: लखीमपुर खीरी 27 नवंबर। जिला प्रशासन एवं जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की ओर से आयोजित “तराई की मिट्टी का उत्सव लखीमपुर महोत्सव 2024 के कोटवारा इवेंट की शाम खास रही। ठंड और ओस की बूंदों के बीच कलाकारों की ओर से देर शाम तक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए, (Lakhimpur) जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। बड़ी संख्या में दर्शकों ने देरशाम तक कार्यक्रम का आनंद लिया। (Lakhimpur) महोत्सव के मंच से गीत, संगीत, नृत्य और लोकगीत की अनूठी युगलबंदी दिखी।
कार्यक्रम में मौजूद विधायक गोला अमन गिरी, अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन, भाषा, उप्र पुनर्गठन समन्वय एवं राष्ट्रीय एकीकरण विभाग उप्र) जितेंद्र कुमार, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी गणेश प्रसाद साहा, सीडीओ अभिषेक कुमार, फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद विजय शुक्ला रिंकू ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
Lakhimpur: एसीएस ने की डीएम की पहल की सराहना
अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन, भाषा, उप्र पुनर्गठन समन्वय एवं राष्ट्रीय एकीकरण विभाग उप्र) जितेंद्र कुमार ने कहा कि डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर “तराई के मिट्टी का उत्सव” थीम पर आयोजित लखीमपुर महोत्सव का बेहतर ढंग से पांच अलग-अलग स्थानों पर आयोजन हो रहा। यह महोत्सव प्रतिभाओं की कला को प्रदर्शित करने का मंच है। (Lakhimpur) जिले की कला व संस्कृति को देश में पहुंचाने के लिए ही महोत्सव हो रहा है।
विधायक गोला अमन गिरी ने कहा कि ऐसे आयोजन से युवा पीढ़ी को जिले के सांस्कृतिक, सामाजिक एवं पौराणिक महत्व को समझने का अवसर मिलेगा। महोत्सव के माध्यम से हम अपनी विरासत को आने
वाली पीढ़ी को सौंप सकेंगे। डीएम की पहल निश्चित रूप से जिले में पर्यटन विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
अंगुरी में डसले बिया नगिनिया..पर बजती रहीं तालियां
कोटवारा में आयोजित लखीमपुर महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर संस्कृति विभाग उप्र में पंजीकृत सांस्कृतिक दलों ने एक से एक शानदार प्रस्तुति ने महोत्सव की भव्यता को बढ़ाया। (Lakhimpur) निमिया के डार मैया लखीमपुर मेरा सिंगापुर बनेगा….. और होली खेले रघुवीरा अवध में.. गीत पर शानदार गीत प्रस्तुत कर लोकगीत गायक रामपाल निषाद ने लोगों की प्रशंसा बटोरी। आरोही ने अंगुरी में डसले बिया नगिनिया.. और लखनऊ से आई कलाकार महक गुप्ता ने भजन ‘मुझे रास आ गया है तेरे दर से सर झुकाना’ पर मौजूद जनसमूह खूब नाचा।
महोत्सव में बिखरे थारू संस्कृति के रंग, मयूर नृत्य पर झूमे दर्शक अवधी लोक नृत्य और गीतों की धूम कोटवारा में तराई की मिट्टी का उत्सव “लखीमपुर महोत्सव” के सजे मंच पर महिला कलाकारों ने थारू संस्कृति के रंग बिखरे और मौजूद जनसमूह का मन मोह लिया। (Lakhimpur) थारू जनजाति की महिलाओं के इस दल ने पारंपरिक थारू नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी। राहुल शर्मा के सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने मयूर नृत्य से माहौल राधामय हो गया। राधा कृष्ण की रासलीलाओं को देख दर्शक भावविभोर हो गए। मोर और मोरनी के रूप में कृष्ण और राधा ने लोगों का दिल जीत लिया।
आनंद अग्निहोत्री के दल के कलाकारों ने मंच को अवधी गीतों और लोकनृत्य से सजाया। रेलिया बैरन पिया को लिये जाय रे….लोक नृत्य पर श्रोता झूम उठे। कलाकारों ने कुछ ऐसा समा बांधा कि लोग वाह-वाह कर उठे।
कोटवारा में शिव महिमा के साथ सुर, संगीत और नृत्य की बही त्रिवेणी, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
लखीमपुर महोत्सव के मुक्ताकाशीय मंच पर मंगलवार की शाम को शिव शक्ति और शिव महिमा से जुड़ी प्रस्तुतियां छाई रहीं। महोत्सव में बनारस से आए पं. अनुज मिश्रा और ग्रुप के कलाकारों ने भगवान शिव पर आधारित कथक और तांडव नृत्य प्रस्तुत किया तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। (Lakhimpur) कलाकारों ने शिव-शक्ति नृत्य नाटिका के माध्यम से कथक में शिव की लीलाओं का भावपूर्ण मंचन किया। इसके पहले उपासना श्रीवास्तव ने कथक में भगवान शिव की आराधना और उनके विविध रूपों की जीवंत प्रस्तुतियां दीं। कलाकारों ने शिव शक्ति की उपासना को नृत्य प्रस्तुतियों में पिरोया।
खीरी में हार्स शो, घोड़ों की दौड़ देख दर्शकों में दिखा उत्साह
तराई की मिट्टी का उत्सव लखीमपुर महोत्सव 2024 के कोटवारा इवेंट में हॉर्स शो कार्यक्रम घोड़ों की टापों से गूंज उठा। घुड़सवारों ने घोड़े पर बैठकर दौड़ लगाई। जिसका मौजूद लोगों ने पूरा मजा लिया और उनकी हौसला अफजाई की। घोड़ों की शानदार दौड़ को देखकर दर्शक भी खुशी से झूम उठे।
कवियों ने दुश्मनों को ललकारा, तो हास्य और व्यंग्य से लोग को खूब गुदगुदाया
लखीमपुर महोत्सव के कोटवारा इवेंट में कवित्री पल्लवी मिश्रा हरदोई ने पढ़ा “अंधेरों की चाह मुझको होती नहीं है साजन। चरणों में मैंने माथ रख दिया है”…. कवि अभिषेक शाश्वत ने पढ़ा मनचला सीख जाता है, उछलना सीख जाता है। अभाव में गुजर करके संभालना सीख जाता है। (Lakhimpur) गरीबी त्रासदी में भी हमारे गांव का बच्चा सरकता है जमीन पर और चलना सीख जाता है। कवि विशेष शर्मा ने पढ़ा कविता है तेज प्रकाश पुंज, कविता समाज का दर्पण है… कवि जग जीवन मिश्रा ने पढ़ा प्यारी मां जैसा हो वारि गंगा मिले, ना मिले लूट और ना ही दंगा मिले। (Lakhimpur) है तमन्ना मरु तो वतन के लिए, मरने पर फिर कफन बस तिरंगा मिले…. कवि अमित कैथवार ने पढ़ा ‘हमारे जिस्म का कोई भी हिस्सा काट कर देखो, हमारे जिस्म की हर नस में हिंदुस्तान बहता है.. इसके अलावा मुशायरा और कव्वाली का भी जबरदस्त आयोजन हुआ।