Lok Sabha Election 2024 : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के मूड-मिजाज को भांपना किसी के लिए भी आसान नहीं है। अपने भतीजे आकाश आनंद को पिछले साल मायावती ने पार्टी का नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था। पिछले दिसंबर महीने में आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करने का बड़ा ऐलान भी किया था मगर मंगलवार को मायावती ने एक ही झटके में आकाश आनंद की छुट्टी करते हुए अपने इन दोनों बड़े ऐलानों को वापस ले लिया।
Lok Sabha Election 2024 : मायावती ने आकाश आनंद की आगे की रैलियां को किया रद्द
वैसे हाल में सीतापुर में हुई आकाश आनंद की जनसभा के बाद ही इस बात के संकेत मिल गए थे कि मायावती कोई बड़ा कदम उठा सकती हैं। दरअसल सभा के दौरान आकाश आनंद की विवादित टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आकाश आनंद की आक्रामकता और शब्द चयन से मायावती काफी नाराज थीं। इसके बाद बसपा मुखिया मायावती ने आकाश आनंद की आगे की रैलियां को रद्द करवा दिया था। इसके बाद से ही आकाश आनंद चुप्पी साधे हुए थे।
Lok Sabha Election 2024 : आक्रामकता और शब्द चयन से मायावती नाराज
भतीजे आकाश आनंद को अचानक दो बड़ी जिम्मेदारियों से हटाने के पीछे सियासी हल्कों में तमाम तरह की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। वैसे माना जा रहा है कि आकाश आनंद अपनी चुनावी सभाओं में आक्रामकता दिखाते हुए तीखे हमले के लिए जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे,उससे उनकी बुआ मायावती काफी नाराज थीं। अपनी सभाओं के दौरान आकाश आनंद मौजूदा सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला करने में जुटे हुए थे।
सीतापुर की जनसभा के दौरान तो उन्होंने सारी राजनीतिक मर्यादाओं को लांघ दिया था और सीतापुर का उनका भाषण सियासी हल्कों में चर्चा का विषय बन गया था। इस भाषण के बाद से ही मायावती बिफरी हुई थीं। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई थी।
Lok Sabha Election 2024 : सीतापुर में दिया था विवादित भाषण
सीतापुर में 28 अप्रैल को चुनावी सभा के दौरान पार्टी प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करते हुए आकाश आनंद ने कहा था कि प्रदेश सरकार को बुलडोजर सरकार कहे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष से सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन यह वास्तव में बुलडोजर की नहीं गद्दारों और आतंकवादियों की सरकार है। इस सरकार ने मुल्क की आवाम को गुलाम बनाकर रखा है। इसके बाद उन्होंने बहुजन समाज को बहका कर वोट मांगने के लिए आने वालों को जूता मार कर भगाने जैसी विवादित टिप्पणी भी कर डाली थी।
सीतापुर में दिए गए इस भाषण के बाद आकाश आनंद के खिलाफ भाजपा ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसके बाद आकाश आनंद की आने वाले दिनों में तय रैलियों को रद्द कर दिया गया था। आकाश आनंद की रैलियों को रद्द किए जाने के पीछे मायावती की नाराजगी को बड़ा कारण माना गया था। जानकार सूत्रों का कहना है कि मायावती आकाश आनंद की ओर से राम मंदिर के दर्शन न करने से लेकर पार्टी की नीतियों के संबंध में रखी गई बातों को लेकर भी नाराज थीं।
Lok Sabha Election 2024 : भाषा को संयमित रखने की सलाह नहीं मानी
जानकार सूत्रों का कहना है कि आकाश आनंद को पिछले महीने ही भाषण के दौरान अपनी भाषा को संयमित रखने की सलाह दी गई थी मगर इसके बावजूद वे तीखा तेवर अपनाते हुए आपत्तिजनक बातें बोलते रहे। सीतापुर की जनसभा के दौरान तो उन्होंने सारी सीमाओं को लांघते हुए आतंकवादियों और गद्दारों की सरकार की टिप्पणी कर डाली।
दूसरी ओर यदि बसपा मुखिया मायावती के भाषणों को देखा जाए तो वे विपक्ष पर तीखे हमले तो करती रही हैं मगर वे अपने भाषणों में संयमित भाषा का ही इस्तेमाल करती हैं। आकाश आनंद का यह तेवर मायावती को रास नहीं आया और आखिरकार उन्होंने आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की दोनों बड़ी जिम्मेदारियां से मुक्त करने का ऐलान कर डाला।
Lok Sabha Election 2024 : अब आकाश आनंद के सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं
बसपा मुखिया मायावती ने कहा है कि पार्टी व मूवमेंट के व्यापक के हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक आशा आकाश आनंद को दोनों आम जिम्मेदारियां से अलग किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि आकाश के पिता आनंद कुमार पहले की तरह पार्टी में अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। मौजूदा समय में आनंद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
बसपा मुखिया ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा.अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है। मायावती का यह कदम सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मायावती ने करीब पांच महीने पहले अपने छोटे भाई आनंद कुमार के 29 वर्षीय बेटे आकाश को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया था मगर अब मायावती की ओर से किए गए बड़े ऐलान के बाद आकाश आनंद के सियासी भविष्य को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।