Mental Health: स्मार्टफोन और इंटरनेट आने से यूथ का ज्यादातर समय सोशल मीडिया पर ही चला जा रहा है. यह उनकी लाइफ का हिस्सा बन चुका है. सोशल मीडिया पर लगातार समय बिताने से युवाओं को दिमाग पर असर पड़ रहा है. इससे उनकी मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
Mental Health: युवाओं में तनाव बढ़ा रहा सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से ज्यादातर युवा दूसरे कामों जैसे- पढ़ाई, दोस्ती, फैमिली या अन्य चीजों से कटने लगते हैं. इससे वे अकेले हो जाते हैं और मानसिक समस्याओं के शिकार. सोशल मीडिया पर वे अक्सर दूसरों से अपनी तुलना करने लगते हैं, जिससे उनमें हीन भावना पैदा होती है, जो तनाव को बढ़ा सकती है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रात में देर तक फोन चलाने से युवाओं का रूटीन गड़बड़ा गया है. (Mental Health) इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो रही है और उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है. मोबाइल स्क्रीन और सोशल मीडिया के इस्तेमाल से नींद में मददगार हार्मोन मेलोटोनियम रिलीज नहीं हो पाता और बाद में समस्याएं बढ़ने लगती हैं.
Mental Health: सोशल मीडिया से तनाव बढ़ने के 4 कारण
- सोशल मीडिया चलाने से युवाओं को ऐसा लगने लगता है कि वे कुछ न कुछ मिस कर रहे हैं. उनका यह डर फोमो (फियर ऑफ मीसिंग आउट) नाम से जाना जाता है, जो मानसिक तनाव और चिंता को बढ़ा सकता है.
- कई बार सोशल मीडिया पर युवाओं को ऑनलाइन उत्पीड़न और धमकियां मिलती हैं, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है.
- सोशल मीडिया लगातार चलाने से नींद की कमी हो सकती है. रात में देर तक जागने से थकान, फोकस की कमी और चिड़चिड़ापन हो सकता है, जो तनाव के लक्षण हैं.
- सोशल मीडिया पर बढ़ता फूहड़पन और अभद्रता युवाओं का वास्तविक दुनिया से अलग कर रहा है, जिससे उन्हें सामाजिक तौर पर अलग फील हो रहा है, जो तनाव के बढ़ा सकता है.

सोशल मीडिया के प्रभाव से कैसे बचें
- एक दिन या हफ्ते में कितना समय सोशल मीडिया को देना है, ये तय करें और कड़ाई से पालन करें.
- फैमिली और फेंड्स के साथ वक्त बिताएं.
- सोशल मीडिया पर दूसरों की फोटो देखकर खुद से तुलना करने से बचें.
- उन सभी पोस्ट से दूरी बनाएं, जो आपके लिए परेशानी बन सकती हैं.