Nuh Violence: नूंह हिंसा में सोशल मीडिया की क्या भूमिका रही अब इसको लेकर जांच होने वाली है. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और स्कैनिंग के लिए तीन सदस्यों की एक समिति बनाई गई है. ये समिति बीती 21 जुलाई से लेकर 31 जुलाई के दौरान सोशल मीडिया के फेसबुक, टवीटर, व्हाट्सएप प्लेटफार्म को स्कैन करेंगी. अगर इस दौरान किसी ने भी उत्तेजनात्मक पोस्ट डाली होगी तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं विज ने लोगों से अपील की है कि ऐसी कोई भी पोस्ट फारवर्ड या पोस्ट ना करें जो उत्तेजनात्मक हो. क्योंकि सोशल मीडिया पर हमने पैनी निगाह रखी हुई है.
गृह मंत्री विज ने कहा कि किसी अपराधी ने सोशल मीडिया पर कोई वीडियो जारी कर दी थी, (Nuh Violence) तो इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों के घरों को आग लगा दो, गाड़ियों को फूंक दो, गोलियां चला दो, विज ने कहा कि ये कौन सी किताब में लिखा है कि अगर कोई अपराधी इस प्रकार से वीडियो जारी करता है और उसके बाद हिंसा कर दो.
वहीं उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा कोई करता है तो इसका मतलब तो ये हुआ कि सब कुछ अपराधियों के हाथ में चला जाएगा, ये ठीक नहीं हैं, जो भी लोग इस प्रकार की दलील दे रहे हैं वो ठीक बात नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है. लेकिन कोई कानून अपने हाथ में न लें.
‘मोनू मानेसर के खिलाफ होगी कार्रवाई’
विज ने कहा कि मोनू मानेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अगर इस मामले में उसकी कोई भूमिका हुई तो उसे बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा में तथ्यात्मक चीजों को एकत्रित किया जा रहा है और जगह-जगह पर पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है.
‘षडयंत्रकारी को नहीं बख्शा जाएगा’
एक विधायक के ट्वीट को लेकर विज ने कहा कि कोई भी छोटे या बडा हो, जिसने भी इसकी साजिश की है, जिसने भी इसकी इंजीनियरिंग की है, षडयंत्र रचा है, जहर घोला है, उसको माफ नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘उसको पहले बेनकाब करेंगे, हम तथ्यात्मक तरीकों से षडयंत्रकारी को नहीं बख्शेगें. वहीं उन्होंने कहा कि अभी ये राजनीति करने का समय नहीं हैं, अभी प्रदेश में शांति बहाल करना है और शांति बहाल करने में सभी योगदान दें. इसके बाद वे विपक्ष के सभी प्रश्नों के उत्तर देगें.