Parliament Session 2024 : 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के तीन दिन यानी 26 जून, बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहे है, जब लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए वोट डाले जाएंगे, वरना इससे पहले अभी तक सत्ता पक्ष और विपक्ष आम सहमित से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया जाता था। हालांकि इस बार दोनों पक्षों के बीच यह सहमित नहीं बन पाई और अब लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में ये भी तय है कि लोकसभा अध्यक्ष पद भाजपा नीत राजग से पक्ष में जाना सौ फीसदी तय है, क्योंकि इंडिया गठबंधन से अधिक एनडीए गठबंधन के पास सांसद हैं। इंडिया गठबंधन को अपना लोकसभा स्पीकर बनाने के लिए एनडीए के कुछ सांसदों का समर्थन हासिल करना होगा।
Parliament Session 2024 : इस वजह नहीं बनी बात
दरअसल, इससे पहले विपक्ष ने भाजपा नीत एनडीए के लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए अपना समर्थन देने का वादा किया था, लेकिन इस पक्ष के एवज में उसने भाजपा से डिप्टी स्पीकर पद के लिए समर्थन देने की मांग रखी थी, जोकि नहीं बना पाई और इंडिया गठबंधन ने बाद में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी उतार दिया। इंडिया गठबंधन ने के. सुरेश लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि भाजपा ने इस पद के लिए ओम बिरला को चुना है। बता दें कि ओम बिरला मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहे थे।
Parliament Session 2024 : मोदी कहते कुछ हैं और करें कुछ हैं, राहुल बोले
लोकसभा अध्यक्ष पद की उम्मीदवार की घोषणा पर सांसद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष के पास राजनाथ सिंह का कॉल आया था। उन्होंने कहा कि स्पीकर पद पर विपक्ष को समर्थन करना चाहिए और एक राय बनानी चाहिए। इस पर हमने कहा कि हम स्पीकर का समर्थन करेंगे, लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। इसी बात पर राजनाथ सिंह ने कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे को कॉल बैक करेंगे, लेकिन वो कॉल अभी तक नहीं आया। इस पर राहुल गांधी ने भाजपा पर तंज सकते हुए कहा कि मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। अगर डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलेगा, तब ही हम समर्थन करेंगे।
Parliament Session 2024 : पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए होगा चुनाव
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार के नामांकन का मंगलवार को आखिरी दिन है। बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष चुना जाना है। विपक्ष के उम्मीदवार आते ही अब कल इसलिए वोट डाले जाएंगे, नहीं तो ऐसे ओम बिरला का निर्विरोध चुना जाना तय था। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव होगा।