Satyendar Jain : सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन को जमानत देने से इनकार कर दिया। पहले से सुरक्षित फैसले पर सोमवार को आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज की जाती है। उनको तुरंत सरेंडर करना होगा। जैन मई 2023 से मेडिकल जमानत पर बाहर हैं, लेकिन जमानत याचिका रद्द होने के बाद अब उन्हें फिर से जेल जाना होगा।
Satyendar Jain : फैसला पहले से रखा था सुरक्षित
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। पीठ ने 17 जनवरी को जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 18 मार्च को इस पर अपना फैसला दिया और जैन की जमानत रद्द कर दिया।
Satyendar Jain : 2023 से हैं जमानत पर जैन
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री को 26 मई 2023 को मेडिकल जमानत प्रदान की थी। उसके बाद धीरे धीरे जमानत अवधि बढ़ती गई। 14 दिसंबर 2023 को कोर्ट ने मेडिकल आधार पर मामले में जैन को दी गई अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी थी। जैन ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 6 अप्रैल, 2023 को नियमित जमानत याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रूख किया था, जहां उन्हें राहत मिली थी।
Satyendar Jain : 2022 को हुए थे गिरफ्तार
ईडी ने 30 मई 2022 को केजरीवाल सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था। ईडी ने यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर की थी। हालांकि जैन ने आरोपों से इनकार किया था इससे पहले ईडी ने अप्रैल 2022 में मामले के संबंध में जैन के लाभकारी स्वामित्व और नियंत्रण वाले परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
Satyendar Jain : जैन के पास थे ये मंत्रालय
बता दें कि सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उसके पास राज्य के कई बड़े विभाग थे। इसमें स्वास्थ्य, बिजली, गृह, पीडब्ल्यूडी, उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और पानी मंत्रालय शामिल था।