
Terrorist Attack In Pakistan: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चनाब नगर में शुक्रवार को अहमदी मुस्लिम समुदाय की बेत-उल-महदी मस्जिद पर आतंकवादी हमला हुआ। यह मस्जिद अहमदी मुस्लिम समुदाय का मुख्य धार्मिक स्थल है, जो यहां अपनी धार्मिक गतिविधियां और प्रार्थनाएं करता है। (Terrorist Attack In Pakistan) जुमे की नमाज़ के बाद जब लोग मस्जिद में थे, अचानक आतंकवादियों ने मस्जिद परिसर में घुसने की कोशिश की। हमले में कई वॉलंटियर्स घायल हो गए, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की जवाबी कार्रवाई के दौरान एक हमलावर मारा गया।
Terrorist Attack In Pakistan: वॉलंटियर्स की बहादुरी से बड़ा हादसा टला
चश्मदीदों और स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, हमलावर नमाज़ के बाद मस्जिद के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। (Terrorist Attack In Pakistan) अहमदी समुदाय के वॉलंटियर्स ने समय रहते कार्रवाई की और हमलावरों को मस्जिद के अंदर घुसने से रोक दिया। (Terrorist Attack In Pakistan) इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलीं, जिससे एक हमलावर मारा गया और कई वॉलंटियर्स घायल हुए। घायल वॉलंटियर्स को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा गया, और उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। समुदाय के प्रवक्ताओं ने वॉलंटियर्स की सतर्कता और साहस की सराहना की। उनका कहना था कि अगर हमलावर मस्जिद के भीतर घुस जाते, तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इससे न केवल समुदाय के लोगों की जान को खतरा था, बल्कि धार्मिक स्थान पर हिंसा का एक और काला अध्याय जुड़ सकता था।
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पाकिस्तान में धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न की बढ़ती समस्या
यह हमला पाकिस्तान में अहमदी मुस्लिम समुदाय पर हो रहे लगातार हमलों की श्रृंखला का एक और हिस्सा है। अहमदी समुदाय लंबे समय से धार्मिक भेदभाव और हिंसा का शिकार हो रहा है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान में इस समुदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा अक्सर राज्य की चुप्पी के बीच होती है, जिससे हमलावरों को खुला मैदान मिलता है। अहमदी समुदाय को अक्सर पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, और उनके खिलाफ हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं।
स्थानीय पुलिस ने घटना स्थल को घेर लिया है और जांच शुरू कर दी है। (Terrorist Attack In Pakistan) हालांकि, अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। अधिकारियों का मानना है कि यह हमला समुदाय को डराने और धार्मिक सद्भाव को कमजोर करने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है। वे यह भी मानते हैं कि इस हमले का उद्देश्य पाकिस्तान में धार्मिक ध्रुवीकरण को और बढ़ाना हो सकता है।
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दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और धार्मिक शांति बनाए रखने की अपील
अहमदी समुदाय ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और सरकार से मांग की है कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। समुदाय के नेताओं ने यह भी कहा कि यह हमला पाकिस्तान में धार्मिक असहमति और असुरक्षा के बढ़ते माहौल को उजागर करता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि धार्मिक समुदायों के बीच शांति और सद्भाव बना रहे। यह हमला न केवल पाकिस्तान के अहमदी समुदाय के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा का यह सिलसिला रुकना चाहिए। इस घटना ने पाकिस्तान में धार्मिक समुदायों के बीच सुरक्षा और शांति की जरूरत को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।







