Uttar-Pradesh: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में दो पहिया वाहन चलाने वाले लोगों के एक खास नियम बनाया जा रहा है। अब गोरखपुर में जल्द ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ नियम लागू होगा। यानी, पेट्रोलपंपों पर बिना हेलमेट के तेल नहीं मिलेगा। हेलमेट को अनिवार्य कर मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए शासन स्तर पर यह कदम उठाया जा रहा है। यह नई व्यवस्था चार वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों पर भी लागू होगी। सिख समुदाय के लोगों के लिए जो पगड़ी पहने रहते हैं, उन्हें ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ व्यवस्था से बाहर रखा जाएगा।
परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने आठ जनवरी, 2025 को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सभी शहरी क्षेत्रों में ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ लागू करने के लिए निवेदन किया है। साथ ही जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित कर ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ व्यवस्था लागू करने के लिए तत्काल विचार करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन विभाग ने दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ व्यवस्था निर्धारित लक्ष्य को पूरा कराने में सहायक साबित होगा। साथ ही दो पहिया वाहन चालकों में हेलमेट पहनने की प्रवृत्ति बढ़ाएगा।
परिवहन आयुक्त ने जिलाधिकारियों से आग्रह किया है कि वे जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 दिन के अंदर इस व्यवस्था को लागू करा सकते हैं। जिससे इसके प्रभावी परिणाम मिल सकते हैं।
एक जून 2019 में गौतमबुद्ध नगर में यह कदम उठाया गया था, जिसके सार्थक प्रभाव देखने को मिले थे। जानकारों के अनुसार वैसे भी गोरखपुर जनपद में मार्ग दुर्घटनाओं में 12 प्रतिशत की कमी आई है। ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ व्यवस्था लागू हुई तो मार्ग दुर्घटनाओं में और कमी आएगी। दो पहिया वाहन चालक और सवारी के लिए हेलमेट अनिवार्य होता है।
दरअसल, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु और घायलों की संख्या में वृद्धि के प्रति भारत सरकार द्वार गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए प्रत्येक जिलों में प्रभावी कदम उठाने का निर्णय लिया गया।