Ram Mandir : प्राण-प्रतिष्ठा के दिन रामलला हरे रंग की पोशाक पहनेंगे। यह तय है कि रामलला उस दिन हरे कपड़े पहनेंगे। लेकिन क्या यह कपड़े टेलर भगवत प्रसाद पहाड़ी और उनके परिवार की बनाई हुई पोशाक होंगे, यह अभी तय नहीं है। क्योंकि ट्रस्ट की तरफ से अभी तक उनको नई प्रतिमा के लिए कपड़े सिलने का ऑर्डर नहीं मिला है।
भगवत प्रसाद पहाड़ी और उनके परिवार ने रामलला के लिए कई सालों से कपड़े सिलते आ रहे हैं। रामलला के मंदिर निर्माण से पहले भी वह रामलला के लिए कपड़े सिलते थे। रामलला के मंदिर निर्माण के बाद भी वह रामलला के लिए कपड़े सिलते रहे हैं। लेकिन अब जब रामलला की नई प्रतिमा स्थापित होने वाली है, तो यह देखना होगा कि ट्रस्ट भगवत प्रसाद पहाड़ी और उनके परिवार को नई प्रतिमा के लिए कपड़े सिलने का ऑर्डर देता है या नहीं।
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Ram Mandir : भगवत प्रसाद पहाड़ी का परिवार मुफलिसी में गुजर रहा
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भगवत प्रसाद पहाड़ी और उनके परिवार का परिवार इन दिनों मुफलिसी में गुजर रहा है। वजह है कि चौड़ीकरण के कारण राम पथ की उनकी तीन दुकानों का टूटना। अब वह घर से ही काम चला रहे हैं। उन्हें आस है कि श्रीराम उनकी सुध लेंगे और मंदिर ट्रस्ट परिवार के लोगों को कोई काम देगा।
Ram Mandir : दिगम्बर अखाड़े में चल रहा पुनर्निमाण का काम
भगवत प्रसाद पहाड़ी से मिलने के पहले मैं दिगम्बर अखाड़े पहुंचा था। दिगम्बर अखाड़े के महंत स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र की मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका थी। उनकी ही प्रार्थना पत्र पर पहली बार जिला न्यायालय जन्मभूमि में पूजा का आदेश जारी किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी अयोध्या आते हैं, वह यहां जरूर आते हैं।
![Ram Mandir : प्राण-प्रतिष्ठा के दिन रामलला कौन से पहनेंगे कपड़े ? 2 रामलला किस दिन कौन से रंग की पहनेंगे पोशाक...? कपड़े सिलने वाले शंकर लाल ने बताया - Ram mandir bhagwan ram kis din kis colour ke kapde pahante hain Tailor Shankar Lal](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/inline-images/ram-ji-ke-kapde-2.jpg)
मंगलवार को दिगम्बर अखाड़े में सन्नाटा पसरा था। दो-तीन साधु आग ताप रहे थे। अखाड़े का पुर्निमाण जारी था। अखाड़े के वर्तमान महंत सुरेश दास काफी अस्वस्थ हैं। उस वक्त वह नई बिल्डिंग में विश्राम कर रहे थे। उनकी सेवा का जिम्मा संभाल रहे लोगों से अपना परिचय दिया और मिलने की गुजारिश की। इस दौरान हॉल में बैठा रहा, जहां बड़े से फोटो फ्रेम में परमहंस रामचंद्र की तस्वीर लगी थी। आगंतुकों के लिए सोफे और कुर्सियां पड़ी थीं। पता चला कि 11:30 बजे उनसे बात हो सकेगी। 10 बज रहे थे इसलिए वहीं रुकना मुनासिब समझा। तब तक वहां मौजूद लोगों से बात करने और वीडियो बनाने का काम जारी रखा।
Ram Mandir : मंदिर आंदोलन में गोली खाई, नहीं मिला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण
आखिरकार घड़ी ने 11:30 बजाए। फिर उसी हॉल में पहुंचा लेकिन उस वक्त काफी निराशा हुई जब पता चला कि वह अभी भी सो रहे हैं। कहा गया कि शाम को आओ। मैंने गुजारिश करते हुए कहा कि किसी और साधु से बात करवा दो। अखाड़े के उत्तराधिकारी भी नहीं थे, लिहाजा अखिलेश दास जी का इंटरव्यू लेना सुनिश्चित हुआ। मौजूदा साधुओं में वरिष्ठ थे। राम मंदिर निर्माण से सभी बहुत खुश थे। एक संत ऐसे भी थे जो प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण न मिलने से गुस्साए थे। उनका कहना था कि मंदिर आंदोलन के दौरान सीने पर गोली खाई है, लेकिन लोग उन्हें भूल गये।
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Ram Mandir : हनुमानगढ़ी के दर्शन
हर मंगलवार को मैं हनुमान जी के दर्शन करता हूं। आज हनुमानगढ़ी में दर्शन करने का सौभाग्य मिला। कड़ाके की ठंड के बावजूद भक्तों का हुजूम था। अच्छी बात यह थी कि वहां मोबाइल ले जाने की मनाही नहीं थी। लिहाजा वीडियो भी शूट किया और तस्वीरें भी क्लिक कीं। आज भी सुबह उठना काफी चैलेंजिंग था। खासकर तब जब रात के तीन बजे से मुझे पेट दर्द के साथ उल्टियां शुरू हो गई थीं। दर्द इतनी हो रही थी कि जान ही निकली जा रही थी। ऐसे में एक ही सहारा थे रामलला, उनको और माता जानकी को याद करते हुए कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
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Ram Mandir : इलाज की बेहतर व्यवस्था
नित्यक्रिया से निवृत्त होकर अपने डॉक्टर से फोन कर दवा लिखवाई। दवा से पेटदर्द तो कम हुआ पर अचानक बढ़ी गैस की वजह से दिक्कत बढ़ गई है। ऐसे में सरकार द्वारा बनाये गये हेल्थ सेंटर्स की मदद ली। यह पूरी तरह से निशुल्क हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र पर येलोपैथिक, यूनानी और होम्योपैथिक के डॉक्टर थे। येलोपैथिक की दवा ली। यूनानी वाले डॉक्टर जो पास में ही थे, मुझे सुन रहे थे। उन्होंने भी एक चूरन दिया और चार बार खाने को कहा। दवा से थोड़ी राहत मिली, लेकिन दर्द हो रहा था ।