Khalistani Terrorist Pannun: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आगाज हो चुका है। 22 जनवरी वह तारीख है, जिस दिन भव्य नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति का विधिवत तरीके से प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन रामनगरी में जबरदस्त वीवीआईपी मुवमेंट होगा। इस ऐतिहासिक समारोह में खलल पैदा करने के लिए देश विरोधी ताकतें भी सक्रिय हो चुकी हैं। यूपी एटीएस ने तीन संदिग्ध खालिस्तानी आतंकियों (Khalistani Terrorist Pannun को गिरफ्तार कर एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई पर विदेश में छिपा बैठा कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू बौखला गया है।
पन्नू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी है। हर बार की तरह इस बार भी उसने एक धमकी भरा रिकॉर्डेड संदेश भेजा है। जिसमें उसने न सिर्फ सीएम योगी की राजनैतिक हत्या करने की बात कही है बल्कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भी निशाना बनाने की बात कही है। बता दें कि पन्नू इस पहले भी आईसीसी वनडे विश्व कप और दिल्ली में हुई जी20 बैठक को निशाना बनाने की धमकी दे चुका है।
Khalistani Terrorist Pannun: 22 जनवरी को बदला लेने की दी धमकी
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने रिकॉर्डेड धमकी भरे संदेश में कहा कि अयोध्या में दो खालिस्तानी समर्थकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। दोनों युवकों के खिलाफ झूठा मुकदमा बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी देते हुए उसने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को वह एसएफजे के लोगों से नहीं बचा पाएंगे। खालिस्तानी समर्थकों की प्रताड़ना का बदला 22 जनवरी को एसएफजे के लोग लेंगे।
जानकारी के मुताबिक, धमरी भरा ये मैसेज यूके के नंबर 447 537131903 से भेजा गया है। अयोध्या में समारोह को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही अलर्ट मोड में हैं। पन्नू की धमकी के बाद उन्होंने अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। दरअसल, गुरूवार रात को अयोध्या से यूपी एटीएस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। तीनों कनाडा में मारे गए सुक्खा दुनके और अर्श डाला गैंग से जुड़े बताए जा रहे हैं।
गिरफ्तार संदिग्धों में से एक का नाम धर्मवीर है, जो कि राजस्थान के सीकर का रहने वाला है। वह सुक्खा दुनके के गैंग से जुड़ा हुआ है। पिछले साल कुख्यात गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकी अर्श डाला का राइट हैंड माने जाने वाले दुक्का की कनाडा में उसके घर में ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि निशाने पर अर्श डाला भी था लेकिन संयोगवश वह वारदात के वक्त घर में मौजूद नहीं था। डाला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है। एनआईए ने जहां उसे वॉन्टेड घोषित कर रखा है, वहीं भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित कर रखा है।
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू इन दिनों सबसे बड़े खालिस्तानी चेहरे के तौर पर उभरा है। वह अमेरिका और कनाडा से लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इसके अलावा वह ब्रिटेन से भी भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाता है। उसके पास यूएस-कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है। उसने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। उसके पिता महिंदर सिंह पंजाब स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के पूर्व कर्मचारी थे। पन्नू पर पंजाब और हिमाचल में मिलाकर एक दर्जन से अधिक मामले चल रहे हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नू जिस सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक संगठन से जुड़ा हुआ था, वह लगातार विदेशी सरजमीं से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। विदेशो में रह रहे सिखों के बीच पाकिस्तान की शह पर खालिस्तान की मांग को भड़का रहा था। 2019 में केंद्र सरकार ने यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत इस संगठन को बैन कर दिया था।
इसके बाद सरकार के पास गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर ऐसी कई जानकारियां सामने आने लगीं, जिसमें उसे पंजाब में अलगावाद और कट्टरता को बढ़ावा देने में शामिल पाया गया। पन्नू अपने भड़काऊ वीडियो के जरिए सिख युवाओं को देश के खिलाफ हथियार उठाने की अपील किया करता था। 1 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित कर दिया। बता दें कि कुछ महीने भले ही चंडीगढ़ से लेकर अमृतसर स्थित उसके पैतृक गांव तक की संपत्ति को सीज कर लिया गया था। पन्नू ने भारत-कनाडा के रिश्तों में चल रहे तनाव के दौरान कनाडा में रह रहे हिंदुओं के खिलाफ भी जमकर जहर उगला था।