Pradosh Vrat 2024: हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा आराधना विशेष रूप से की जाती है, जिसमे सोमवार का दिन अति उत्तम माना जाता है। इसके अतिरिक्त हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथियों को प्रदोष व्रत भी रखा जाता है। जिसमें भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ कि कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
शुभ मुहूर्त प्रदोष व्रत 2024
इस वर्ष का अंतिम प्रदोष व्रत 28 दिसंबर को रखा जाएगा, क्यूंकी हिन्दू पंचाङ्ग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर, 2:26 AM से शुरू होकर 29 दिसंबर, 03:32 AM तक पड़ेगी। इसलिए यह प्रदोष व्रत 28 दिसंबर को रखा जाएगा। इस प्रदोष व्रत में सायं काल की पूजा में भगवान शिव जी की आरती व चालीसा का पाठ अवश्य करें। साथ ही इस स्तोत्र के पाठ से आपको बहुत ही शुभ फल मिलेंगे।
॥ श्री शिव रक्षा स्तोत्र ॥
॥ विनियोग ॥
श्री गणेशाय नमः॥
अस्य श्रीशिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः॥
श्री सदाशिवो देवता॥ अनुष्टुप् छन्दः॥
श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः॥
॥ स्तोत्र पाठ ॥
चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम्।
अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्य साधनम्॥1॥
गौरीविनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम्।
शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षां पठेन्नरः॥2॥
गंगाधरः शिरः पातु भालं अर्धेन्दुशेखरः।
नयने मदनध्वंसी कर्णो सर्पविभूषण॥3॥
घ्राणं पातु पुरारातिः मुखं पातु जगत्पतिः।
जिह्वां वागीश्वरः पातु कंधरां शितिकंधरः॥4॥
श्रीकण्ठः पातु मे कण्ठं स्कन्धौ विश्वधुरन्धरः।
भुजौ भूभारसंहर्ता करौ पातु पिनाकधृक्॥5॥
हृदयं शंकरः पातु जठरं गिरिजापतिः।
नाभिं मृत्युञ्जयः पातु कटी व्याघ्राजिनाम्बरः॥6॥
सक्थिनी पातु दीनार्तशरणागतवत्सलः।
उरू महेश्वरः पातु जानुनी जगदीश्वरः॥7॥
जङ्घे पातु जगत्कर्ता गुल्फौ पातु गणाधिपः।
चरणौ करुणासिंधुः सर्वाङ्गानि सदाशिवः॥8॥
एतां शिवबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत्।
स भुक्त्वा सकलान्कामान् शिवसायुज्यमाप्नुयात्॥9॥
ग्रहभूतपिशाचाद्यास्त्रैलोक्ये विचरन्ति ये।
दूरादाशु पलायन्ते शिवनामाभिरक्षणात्॥10॥
अभयङ्करनामेदं कवचं पार्वतीपतेः।
भक्त्या बिभर्ति यः कण्ठे तस्य वश्यं जगत्त्रयम्॥11॥
इमां नारायणः स्वप्ने शिवरक्षां यथाऽऽदिशत्।
प्रातरुत्थाय योगीन्द्रो याज्ञवल्क्यः तथाऽलिखत॥12॥
॥ इति श्रीयाज्ञवल्क्यप्रोक्तं शिवरक्षास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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इसके साथ ही आप भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस दिन अन्य मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं।