Republic Day: भारत के 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश को संबोधित करेंगी। यह उनका पहला संबोधन होगा, जिसमें वे राष्ट्र के नाम अपना संदेश देंगी।
राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन शाम सात बजे से ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन (Republic Day) के सभी चैनलों पर हिंदी और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारित किया जाएगा। इसके बाद दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में राष्ट्रपति के संबोधन का प्रसारण किया जाएगा।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू देश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ देशवासियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। वे देश में हुए नवाचारों और देश के उत्थान पर हर्ष व्यक्त करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू देशवासियों को 26 जनवरी के पावन अवसर की शुभकामनाएं भी देंगी।
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राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन से देशवासियों को काफी उम्मीदें हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि राष्ट्रपति मुर्मू अपने संबोधन में देश को एक नई दिशा देंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। उनका जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था। (Republic Day) वे एक समाजसेवी और राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने ओडिशा विधानसभा में 1997 से 2009 तक विधायक के रूप में कार्य किया। 2015 से 2021 तक वे झारखंड की राज्यपाल रहीं।
राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन का देशभर में प्रसारण किया जाएगा। लोग अपने घरों में बैठे टेलीविजन या रेडियो के माध्यम से राष्ट्रपति के संबोधन को सुन सकेंगे।
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Republic Day: स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट
देश इस वर्ष अपने गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इसलिए रक्षा मंत्रालय समारोह के दौरान एक स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट जारी करेगा।
Republic Day: 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस
भारतीय इतिहास में 26 जनवरी का दिन काफी महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी, 1950 के ही दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। हमारे संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने 18 दिन लगे थे। आजादी के बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था लेकिन इसे आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। अब सवाल उठता है कि आखिर 26 जनवरी के दिन ही संविधान को क्यों लागू किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी, 1930 के दिन ही देश को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। ऐसे में इस दिन को यादगार बनाने के लिए इसके ठीक 20 साल बाद 26 जनवरी, 1950 के दिन संविधान को लागू किया गया।