Ram Mandir: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बड़े बयान में कहा है कि भगवान राम जाति को नहीं मानते थे और उन्होंने कभी भी भेदभाव नहीं किया। केजरीवाल ने कहा कि रामायण में कई उदाहरण हैं जो यह दिखाते हैं कि राम जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते थे।
केजरीवाल ने कहा कि राम ने हनुमान को अपना सबसे अच्छा मित्र माना, जो एक वानर थे। (Ram Mandir) उन्होंने सीता को पत्नी के रूप में स्वीकार किया, जो एक वनवासी राजकुमारी थीं। उन्होंने शबरी को भी आदर दिया, जो एक वनवासी महिला थीं।

केजरीवाल ने कहा कि राम एक महान राजा और एक महान इंसान थे। उन्होंने कहा कि हमें उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए और जाति के आधार पर भेदभाव को समाप्त करना चाहिए।
केजरीवाल के इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे सराहनीय बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे विवादास्पद भी मान रहे हैं।
Ram Mandir: केजरीवाल के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल के बयान की आलोचना की है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “भगवान राम को लेकर अरविंद केजरीवाल के बयान से हिंदू समाज को बहुत दुख हुआ है। रामायण में कई उदाहरण हैं जो यह दिखाते हैं कि राम जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते थे। केजरीवाल को भगवान राम की जयंती पर ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केजरीवाल के बयान का समर्थन किया है। (Ram Mandir) उन्होंने ट्वीट किया, “अरविंद केजरीवाल का भगवान राम को लेकर बयान सराहनीय है। राम जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते थे। हमें भी उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।”
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल का बयान सही है। उन्होंने कहा कि राम जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते थे और हमें भी ऐसा नहीं करना चाहिए।