UP News: संघर्ष की घटनाएं गांवों में आम है। आए दिन जमीनी विवाद को लेकर होने वाली हत्याएं, हिंसा से जुड़ी खबरे अखबारों में आती रहती है इतना ही नहीं इसके अलावा अदालतों में भी इससे जुड़े मुकदमों का अंबार लगा हुआ है। योगी सरकार गांवों में संपत्ति को लेकर हो रहे विवादों को रोकने के लिए अब एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल प्रदेश में राजस्व परिषद शहरों की तरह गांवों में भी संपत्तियों के नामांतरण की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है
उत्तर प्रदेश सरकार गांवों में संपत्तियों के नामांतरण की सुविधा देने जा रही है। यह फैसला देवरिया सामूहिक हत्याकांड के बाद लिया गया है। इस हत्याकांड में एक ही परिवार के 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण जमीन का विवाद बताया गया था। राजस्व परिषद के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों से जुड़े विवाद अक्सर बंटवारे को लेकर होते हैं। वर्तमान समय में खेत लेने पर खतौनी में नाम दर्ज कराने की सुविधा है और संपत्तियों के बंटवारे या बेचने पर घरौनी में नाम दर्ज करने की सुविधा है। इन कामों में काफी समय लग जाता है।
राजस्व परिषद चाहता है कि संपत्तियों के नामांतरण की सुविधा दे दी जाए, जिससे इसे बेचने या फिर बंटवारे पर इसमें नाम दर्ज कराना आसान हो जाए। नामांतरण के लिए आवेदन करना होगा और इस पर आपत्तियां मांगने के बाद किसी तरह का कोई विवाद सामने नहीं आने पर इसे स्वीकार कर लिया जाएगा। नामांतरण कराने वाले व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसमें साफ-साफ लिखा होगा कि उक्त संपत्ति पर उसका अधिकार है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी (भूमि,भवन एवं परिसंपत्ति) अधिकार अधिनियम-2023 में ऐसी संपत्तियों को उत्ताराधिकारियों के बीच विभाजित करने का प्रावधान भी होगा।
जमीनी विवादों को रोकने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों के अधिकारों को लेकर स्पष्टता आएगी और विवादों की संभावना कम हो जाएगी।नामांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए ताकि लोग इसका आसानी से लाभ उठा सकें। राजस्व परिषद ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। जल्द ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस योजना को लागू किया जाएगा।इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों के अधिकारों को लेकर स्पष्टता आएगी। जमीनी विवादों की संभावना कम होगी। लोगों को अपनी संपत्तियों को बेचने या विभाजित करने में आसानी होगी।
UP News: बंटवारे को लेकर होते हैं अधिकतर विवाद
अधिकारियों की मानें तो ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों से जुड़े विवाद अक्सर बंटवारे को लेकर होते हैं। वर्तमान समय में खेत लेने पर खतौनी में नाम दर्ज कराने की सुविधा है और संपत्तियों के बंटवारे या बेचने पर घरौनी में नाम दर्ज करने की सुविधा है। इन कामों में काफी समय लग जाता है। राजस्व परिषद चाहता है कि संपत्तियों के नामांतरण की सुविधा दे दी जाए, जिससे इसे बेचने या फिर बंटवारे पर इसमें नाम दर्ज कराना आसान हो जाए।नामांतरण के लिए आवेदन करना होगा और इस पर आपत्तियां मांगने के बाद किसी तरह का कोई विवाद सामने नहीं आने पर इसे स्वीकार कर लिया जाएगा। नामांतरण कराने वाले व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसमें साफ-साफ लिखा होगा कि उक्त संपत्ति पर उसका अधिकार है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी (भूमि,भवन एवं परिसंपत्ति) अधिकार अधिनियम-2023 में ऐसी संपत्तियों को उत्ताराधिकारियों के बीच विभाजित करने का प्रावधान भी होगा।