Mudiya Purnima Mela: वृंदावन। गुरु पूर्णिमा पर देशभर के लाखाें श्रद्धालु वृंदावन आकर गुरु स्थानों पर अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा समर्पित करेंगे। इस दिन लाखों श्रद्धालु पंचकोसीय परिक्रमा भी करेंगे। परिक्रमा में अव्यवस्थाओं की जानकारी मिलने पर शनिवार दोपहर सांसद हेमा मालिनी निरीक्षण के लिए निकलीं।
नगर निगम के अधिकारियों संग निरीक्षण पर निकलीं सांसद हेमा को जब परिक्रमा में गंदगी और दूसरी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं, तो उन्होंने अपनी गाड़ी से उतरकर ई-रिक्शा पकड़ा और अधिकारियों संग परिक्रमा के निरीक्षण के लिए निकल पड़ीं। रास्ते में जहां भी परिक्रमा में गड्ढे और गंदगी मिली, सांसद ने अधिकारियों से तत्काल प्रभाव में समस्या समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने रास्ते में ई-रिक्शा रुकवाकर श्रद्धालुओं से उनकी दिक्कतों की भी जानकारी हासिल की।
Mudiya Purnima Mela: गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर ई-रिक्शा में बैठीं मथुरा सांसद हेमा मालिनी।
सनातन परंपरा को मुड़िया संतों ने कराया मुंडन, शोभायात्रा कल
गिरिराजजी की प्रतिदिन परिक्रमा लगाने वाले संत सनातन का महोत्सव मनाने के लिए गोवर्धन के महाप्रभु मंदिर पर मुड़िया परंपरा एक बार फिर जीवंत हो उठी। श्रीपाद सनातन गोस्वामी की भजन स्थली पर बने महाप्रभु मंदिर में मुड़िया संतों ने शुक्रवार को सिर मुड़वाकर परंपरा का निर्वहन किया।
रविवार को संत सनातन गोस्वामी की भजन स्थली महाप्रभु मंदिर से शाम को 468वीं शोभायात्रा निकाली जाएगी। (Mudiya Purnima Mela) हालांकि एक शोभायात्रा महंत रामकृष्ण दास के नेतृत्व में राधाश्याम सुंदर मंदिर से सुबह भी निकाली जाएगी। मुड़िया मेला 17 जुलाई से 21 जुलाई तक चलेगा। इस बार भी मेले में 70 से 80 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
मुड़िया शाेभायात्रा से पहले होता है मुंडन
चैतन्य महाप्रभु मंदिर के महंत गोपाल दास ने बताया कि अधिवास महोत्सव के साथ मुड़िया शोभायात्रा महोत्सव चल रहा है। शोभा यात्रा से पहले मुंडन होता है, सही दिन का चयन कर शुक्रवार को मुंडन करा लिया गया है। पिछले कई वर्षों से दो मुड़िया शोभायात्रा निकलती हैं। सुबह राधाश्याम सुंदर मंदिर से तो शाम को महाप्रभु मंदिर से सनातन परंपरा का निर्वहन होगा।
इस बार मनेगा 468वां मुड़िया महोत्सव
इस बार भी गौड़ीय संतों द्वारा 468वां मुड़िया महोत्सव धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया जा रहा है। (Mudiya Purnima Mela) महाप्रभु मंदिर के महंत गोपाल दास के साथ संत नरोत्तम दास, सुधा सिंधु दास, विशंभर दास, सच्चिदानंद बाबा, विष्णु दास बाबा, पुण्य कृष्ण दास, वापे दास, नित्य गौर दास, सेवानंद दास आदि संतों ने मुंडन कराया। राधा श्याम सुंदर मंदिर में मुंडन परंपरा निभाई गई।